बैंकों में रिटेल डिपॉजिट ग्रोथ कम हो रही है। बैंक 8.5% की फ्लोटिंग रेट पर होम लोन दे रहे हैं, जबकि 9% पर उधार ले रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप 0.5% का निगेटिव स्प्रेड हो रहा है।
जहां एक तरफ क्विक कॉमर्स कंपनियों ने आम लोगों की जिंदगी को काफी आसान बना दिया है, वहीं दूसरी ओर इन कंपनियों ने छोटे दुकानदारों की रोजी-रोटी के लिए बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। कोटक महिंद्रा बैंक के फाउंडर उदय कोटक भी ऐसे दुकानदारों की चिंताओं को लेकर अच्छी तरह से वाकिफ हैं।
कोटक ने आगे कहा कि भारत में निवेशकों का विकास होना चाहिए और उन्हें शेयर बाजार में पूंजी बनाने के पूरे मौके मिलने चाहिए।
आरबीआई के इस एक्शन का सीधा असर कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर की कीमत पर हुआ है। इससे बैंक के मार्केट कैप में 39,768 करोड़ रुपये की कमी आई है।
उदय कोटक ने कहा कि यदि भारतीय अर्थव्यवस्था को बदलना है तो हमें अपनी अपनी उद्यमशीलता और रचनात्मक भावनाओं की रक्षा और पोषण करने की बहुत जरूर है।
कोटक ने कहा कि 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए वृद्धि दर 7.5 से 8.0 प्रतिशत होनी चाहिए। दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा कानून है।
यह बदलाव तब हुआ जब आरबीआई ने निजी क्षेत्र के बैंकों में प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कार्यकाल 15 साल तक लिमिटेड कर दिया। बैंक के संस्थापक निदेशक उदय कोटक पहले दिसंबर में रिटायर होने वाले थे।
नियामकीय प्रावधानों के अनुरूप प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के कार्यकाल को 15 साल तक सीमित कर दिया गया है।
उदय कोटक पिछले लगभग 15 वर्षों से यह जिम्मेदारी निभा रहे थे। उनका मौजूदा कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 तक था, लेकिन कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
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परिचर्चा पत्र में कहा गया है कि प्रवर्तक समूह से संबंध रखने वाले सीईओ और पूर्णकालिक निदेशकों (डब्ल्यूटीडी) को 10 साल बाद प्रबंधन का नेतृत्व पेशेवरों को सौंपना चाहिए।
उदय कोटक ने अपनी हिस्सेदारी की बिक्री 1,240 रुपए प्रति शेयर के भाव पर की है।
रिजर्व बैंक के प्रावधान के हिसाब से किसी बैंक में प्रवर्तक की अधिकतम हिस्सेदारी 26 प्रतिशत हो सकती है।
30 जून, 2019 तक बैंक की 569 बैंक शाखाएं थीं, जिसमें 7 कमर्शियल बैकिंग शाखाएं और एक सैटेलाइट शाखा शामिल है।
कोटक महिंद्रा समूह की वित्तीय इकाई कोटक महिंद्रा फाइनेंस को 2003 में आरबीआई से बैंक लाइसेंस मिला। वह बैंक में तब्दील होने वाली पहली एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) बनी।
कोटक महिंद्रा बैंक ने सोमवार को कहा कि तरजीही शेयर जारी कर बैंक प्रवर्तकों की हिस्सेदारी घटाने के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले को उसने बंबई हाईकोर्ट में चूनौती दी है
कर्ज के बोझ से दबी इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) के निदेशक मंडल के नवनियुक्त सदस्य जी एन वाजपेयी ने निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया है।
निजी क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में 21.3 प्रतिशत बढ़कर 1,747.37 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
संकटग्रसत इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंस सर्विसेस (आईएलएंडएफएस) लिमिटेड के नवगठित निदेशक मंडल की पहली बैठक संभवत: गुरुवार को हो सकती है।
भारी कर्जसंकट में फंसे आईएलएंडएफएस को संभालने के लिए सरकार हरकत में आ गई है। समूह की कई कंपनियों द्वारा कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट करने के बाद अब सरकार कंपनी का प्रबंधन अपने हाथ में लेना चाहती है।
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