Friday, April 26, 2024
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अशोक वासवानी होंगे कोटक महिंद्रा बैंक के नए एमडी-सीईओ, रिजर्व बैंक ने दी मंजूरी

यह बदलाव तब हुआ जब आरबीआई ने निजी क्षेत्र के बैंकों में प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कार्यकाल 15 साल तक लिमिटेड कर दिया। बैंक के संस्थापक निदेशक उदय कोटक पहले दिसंबर में रिटायर होने वाले थे।

Sourabha Suman Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: October 21, 2023 18:29 IST
कोटक महिंद्रा बैंक ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी।- India TV Paisa
Photo:REUTERS कोटक महिंद्रा बैंक ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी।

प्राइवेट सेक्टर के कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) ने शनिवार को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तीन साल के लिए बैंक के एमडी और सीईओ (Kotak Mahindra Bank MD-CEO) के रूप में अशोक वासवानी (Ashok Vaswani) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। वासवानी, उदय कोटक का स्थान लेंगे, जिन्होंने 1 सितंबर को बैंक के एमडी का पद छोड़ दिया था। पीटीआई की खबर के मुताबिक, मौजूदा समय में वासवानी पगाया टेक्नोलॉजीज लिमिटेड - एक यूएस-इजरायल एआई फिनटेक के अध्यक्ष हैं।

साढ़े तीन दशकों का है अनुभव

खबर के मुताबिक, अशोक वासवानी  (Ashok Vaswani) लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप, एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल मैनेजमेंट, यूके के बोर्ड में भी हैं। वह अलग-अलग परोपकारी संगठनों का समर्थन करते हैं। कोटक महिंद्रा बैंक ने एक बयान में कहा कि नियुक्ति शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर है। वासवानी के पास साढ़े तीन दशकों का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है। कोटक महिंद्रा बैंक के अंतरिम एमडी और सीईओ दीपक गुप्ता ने कहा कि अशोक अपने साथ मूल्य और अनुभव लेकर आते हैं जो भविष्य के लिए एक तकनीक-सक्षम, ग्राहक-केंद्रित वित्तीय संस्थान में बदलने के कोटक के दृष्टिकोण के मुताबिक है।

उदय कोटक की प्रतिकिया
बैंक (Kotak Mahindra Bank) के संस्थापक निदेशक उदय कोटक ने कहा कि अशोक एक वर्ड-क्लास लीडर और डिजिटल और ग्राहक फोकस वाले बैंकर हैं। मुझे गर्व है कि हम कोटक और कल के भारत का निर्माण करने के लिए एक वैश्विक भारतीय को घर लाते हैं। उदय कोटक पहले दिसंबर में अपना कार्यकाल पूरा कर रिटायर होने वाले थे। लेकिन ऐसा चंद महीने पहले ही हो गया। देश के चौथे सबसे बड़े बैंक से उनके जल्दी बाहर निकलने को निजी कारण बताया गया।

कोटक की बैंक में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी
ऐसा तब हुआ जब भारतीय रिज़र्व बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंकों में प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कार्यकाल 15 वर्ष तक लिमिटेड कर दिया। यह लीडरशिप नियुक्ति पर आरबीआई के मानदंडों के चलते है जिसकी समीक्षा यस बैंक संकट के बाद की गई थी। कोटक, जिनकी बैंक में हिस्सेदारी 26 प्रतिशत है, बैंक के गैर-कार्यकारी निदेशक बन गए हैं।

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