बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उनके जवाब और अतिरिक्त दस्तावेजों की समीक्षा के बाद RBI ने पाया कि उल्लंघन के आरोप सही हैं और इसके लिए आर्थिक दंड लगाना आवश्यक है।
नए साल की शुरुआत जहां उम्मीदों और नई योजनाओं के साथ होती है, वहीं 2026 आम लोगों के लिए कुछ महंगी सौगातें भी लेकर आ रहा है। बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट सेवाओं का इस्तेमाल करने वालों को अब अपनी जेब और ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी
केंद्रीय बैंक ने प्रभावित बैंक के जमाकर्ताओं को बड़ा आश्वासन दिया है। बैंक ने स्पष्ट किया कि योग्य जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के नियमों के तहत प्रति जमाकर्ता प्रति बैंक अधिकतम ₹5 लाख तक की जमा राशि पूरी तरह सुरक्षित है और इसका बीमा लाभ मिलेगा।
आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45-IA (6) के तहत आरबीआई को मिली शक्तियों के अनुसार यह एक्शन लिया गया है। आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों की अवहेलना के कारण भी इन पर कार्रवाई हुई है।
केनरा बैंक की इस पहल का मकसद न केवल स्थानीय उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना है। स्थानीय उत्पादों की बिक्री और प्रचार के लिए मंच प्रदान करना है।
ICICI Bank ने इस फैसले में बदलाव, ग्राहकों को अधिक लचीलापन और सुविधा देने के उद्देश्य से किया है, जिससे ज्यादा लोग बैंकिंग सिस्टम से जुड़ सकें।
आरबीआई की यह पहल न केवल चेक क्लियरिंग प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाएगी, बल्कि ग्राहकों को भी तेज सेवा का अनुभव होगा। यह कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रगति है।
दिल्ली सरकार के विधि विभाग ने उपराज्यपाल को बैंकिंग, एनबीएफसी और गैस सप्लाई को सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं के दायरे में लाने का प्रस्ताव दिया था।
आरबीआई ने जारी एक सर्कुलर में कहा कि सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) के लिए आसान और किफायती फाइनेंस की उपलब्धता सबसे अहम है।
अगर आपको बैंक से जुड़ा काम-काज है तो उसे पहले ही पूरा करने की कोशिश करें, अन्यथा आपको इंतजार करना पड़ सकता है।
दोनों सेक्टर के बैंकों के बीच उनकी शुद्ध ब्याज आय, अर्जित ब्याज और भुगतान किए गए ब्याज के बीच का अंतर, स्थिर ऋण वृद्धि द्वारा समर्थित, साल-दर-साल 3.6% बढ़कर 2.09 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
विश्वसनीयता, हाई लिक्विडिटी रेट, आसान पहुंच और जमा और निकासी पर कोई सीमा नहीं होने के कारण सेविंग अकाउंट सबसे पसंदीदा जमा विकल्पों में से एक है।
सुमंत कठपालिया ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऋणदाता को 1,960 करोड़ रुपये की लागत वाले लेखांकन चूक के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 की तुलना में बैंकों की लाभप्रदता प्रभावित होगी, साथ ही यह प्रभाव सीमित होगा क्योंकि शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) में गिरावट धीरे-धीरे होने की संभावना है।
देश में लगातार बढ़ते बैंकिंग फ्रॉड को रोकने के लिए आरबीआई ने बैंकों को डोमेन बदलने का निर्देश दिया है।
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि एआई और मशीन लर्निंग को ट्रांजैक्शन मॉनिटरिंग सिस्टम से जोड़ा जा सकता है।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 की धारा 23ए(1) के तहत दी गई शक्तियों के मुताबिक, ये क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सार्वजनिक हित में और इन संस्थाओं द्वारा सेवा प्रदान किए जाने वाले क्षेत्र के विकास के हित में एक यूनिट में विलय हो जाएंगे।
डिजिटल बैंकिंग में साइबर खतरों के बढ़ते मामलों, खासकर सिम स्वैप और फिशिंग अटैक को ध्यान में रखते हुए, इन-ऐप मोबाइल ओटीपी एक डिवाइस-बाउंड और Time-sensitive विकल्प प्रदान करता है।
बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 की समाप्ति पर बड़ौदा यूपी बैंक का कुल कारोबार 92,986.42 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था। साथ ही समान अवधि में बैंक का शुद्ध लाभ ₹332.55 करोड़ दर्ज किया गया था।
24 और 25 मार्च को बैंक यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल करने की बात कही थी। इस हड़ताल का बैंकों के काम-काज पर असर पड़ना तय माना जा रहा था।
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