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FPI: विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में पिछले 20 महीने के निवेश रिकॉर्ड को तोड़ा, किया इतने हजार करोड़ का Investment

FPI: अक्टूबर 2021 से जून 2022 के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों से विदेशी निवेशकों ने 2.46 लाख करोड़ रुपये निकाले।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Sep 04, 2022 10:55 IST, Updated : Sep 04, 2022 10:55 IST
FPI Investment - India TV Paisa
Photo:FILE FPI Investment

Highlights

  • विदेशी निवेशकों ने अगस्त में भारतीय इक्विटी बाजारों में 51,200 करोड़ से अधिक का निवेश किया
  • जुलाई में एफपीआई ने लगभग 5,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था
  • अक्टूबर 2021 से जून 2022 के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों से 2.46 लाख करोड़ रुपये निकाले थे

FPI: विदेशी निवेशकों ने अगस्त में भारतीय इक्विटी बाजारों में 51,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक यह 20 महीनों की उच्चतम आवक है। तेल कीमतों में स्थिरता और जोखिम लेने की भावना में बढ़ोतरी के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का रुझान भारत की ओर बढ़ा। इससे पहले जुलाई में एफपीआई ने लगभग 5,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। एफपीआई ने लगातार नौ महीनों तक बड़े पैमाने पर शुद्ध बिकवाली करने के बाद जुलाई में पहली बार शुद्ध खरीदारी की थी। उन्होंने अक्टूबर 2021 से जून 2022 के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों से 2.46 लाख करोड़ रुपये निकाले।

सितंबर में भी निवेश जारी रहने की उम्मीद

सैंक्टम वेल्थ में उत्पाद एवं समाधान के सह-प्रमुख मनीष जेलोका ने कहा कि भारत इस महीने भी एफपीआई की शुद्ध आवक दर्ज करेगा, हालांकि अगस्त की तुलना में इसकी गति धीमी हो सकती है। अरिहंत कैपिटल मार्केट्स के संयुक्त प्रबंध निदेशक अर्पित जैन ने कहा कि मुद्रास्फीति, डॉलर का रुख और ब्याज दर एफपीआई प्रवाह को निर्धारित करेंगे।

नौ माह बाद लौटे थे एफपीआई

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली के सिलसिले पर जुलाई में नौ महीने बाद ब्रेक लगी थी। अक्टूबर, 2021 से जून, 2022 तक भारतीय बाजार से निकासी की थी। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, 2022 के पहले छह माह में एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों से 2.2 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके किए थे। इससे पहले 2008 के पूरे साल में एफपीआई ने शेयर बाजारों से 52,987 करोड़ रुपये निकाले थे। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि विदेशी निवेशक आगे चलकर अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा और अधिक आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका को लेकर चिंतित हैं। इस साल फेडरल रिजर्व ने दो बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। ऐसे में आगे निवेश को लेकर उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, आगे त्योहारों आने वाले हैं। इसका असर बाजार पर देखने को मिलेगा। बाजार में तेजी बनी रह सकती है।

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