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SEBI के हथौड़े से कांप उठी ये कंपनी, 6 माह के भीतर बंद करने का जारी किया फरमान

SEBI New Order: सेबी हमेशा आम जनता के हित के लिए कंपनियों के खिलाफ कड़े फैसले लेता है। एक बार फिर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने एक कंपनी को नियमों के उल्लंघन करने पर काम बंद करने का आदेश दिया है।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published : Apr 25, 2023 9:07 IST, Updated : Apr 25, 2023 9:07 IST
SEBI- India TV Paisa
Photo:FILE SEBI

SEBI Order: कल बाजार में काफी तेजी देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी ने बढ़त के साथ कारोबार बंद किया। शाम होते-होते SEBI का एक फरमान आ गया, जिसमें 6 महीने के अंदर कंपनी बंद करने का आदेश दिया गया। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने विस्तार कैपिटल एडवाइजर्स लिमिटेड (वीसीएएल) उसके न्यासियों (ट्रस्टी) और निदेशकों को छह महीने के भीतर यूनिटधारकों को बाहर निकलने की सुविधा देकर ‘फिल्म फंड’ को बंद करने का निर्देश दिया है। नियामक ने उन पर कई प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि यह फंड योजना की अवधि पूरी होने पर बंद नहीं हुआ है, जो कि उद्यम पूंजी कोष (वीसीएफ) नियमों का उल्लंघन है। इस कोष को 2013 में बंद किया जाना था, लेकिन यह अब भी अस्तित्व में है। विस्तार कैपिटल एडवाइजर्स लिमिटेड (वीसीएएल) द्वारा इस तरह के उल्लंघन से पता चलता है कि इन निदेशकों ने उचित लगन से काम नहीं किया। 

ये है कहानी

सेबी के साथ एक वेंचर कैपिटल फंड के रूप में जुलाई 2008 में पंजीकृत विस्तार रेलिगेयर मीडिया फंड ने केवल एक योजना फिल्म फंड शुरू की, जिसने सात निवेशकों से 43 करोड़ रुपये जुटाए थे। वीसीएएल, उसके न्यासियों और निदेशकों पर प्रतिबंध लगाते हुए सेबी ने कहा कि फंड की योजना को बंद नहीं करने के लिए सभी जिम्मेदार हैं। बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों में संचालन व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाने और जरूरी जानकारी का खुलासा समय पर सुनिश्चित करने के लिये नियमों में संशोधन का निर्णय किया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के बयान के अनुसार, निदेशक मंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया कि जरूरी जानकारी के खुलासे के लिये समयसीमा का कड़ाई से पालन होगा। साथ ही नियामक ने सूचीबद्ध कंपनियों के निदेशक मंडल में व्यक्तियों के लिये स्थायी तौर पर सीट की व्यवस्था को भी समाप्त करने का निर्णय किया है। बयान में कहा गया है कि सूचीबद्ध कंपनियों के लिये बाजार अफवाहों का सत्यापन करना और जो भी स्थिति हो, उसके अनुसार उसकी पुष्टि या उसे खारिज करना होगा।

नया नियम अक्टूबर 2023 से होगा लागू

बाजार पूंजीकरण के लिहाज से Top-100 कंपनियों के लिये यह व्यवस्था एक अक्टूबर 2023 से लागू होगी। वहीं बाजार पूंजीकरण के लिहाज से टॉप-250 लिस्टेड कंपनियों के लिये यह एक अप्रैल, 2024 से लागू होगी। लिस्टेड कंपनियों में संचालन व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये सेबी ने कहा कि किसी लिस्टेड यूनिट के शेयरधारक को दिये गए किसी विशेष अधिकार के लिये समय-समय पर शेयरधारकों के अनुमोदन की आवश्यकता होगी ताकि विशेष अधिकारों के लंबे समय तक बने रहने के मुद्दे का समाधान किया जा सके। एक सूचीबद्ध इकाई के निदेशक मंडल में बने रहने के लिये शेयरधारकों की समय-समय पर मंजूरी की जरूरत होगी। इसका उद्देश्य निदेशक मंडल में स्थायी तौर पर बने रहने के चलन को समाप्त करना है। 

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