![Shakti Kant Das- India TV Paisa](https://resize.indiatv.in/resize/newbucket/1200_675/2023/08/PTI08_10_2023_000047B.webp)
होम लोन या अन्य तरह के कर्ज लेने वाले ग्राहकों के लिए बीता एक साला किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा है। रिजर्व बैंक पिछले साल मई से हर दो महीने में रेपो रेट बढ़ा रहा था, और उसके पीछे पीछे बैंक भी होम लोन की दरें बढ़ा रहे थे। इस भगदड़ का नतीजा यह रहा कि आपकी ईएमआई भी बढ़ गई। 30 लाख के कर्ज पर बीते एक साल में करीब 2500 रुपये अधिक EMI भरनी पड़ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकांश होम लोन ग्राहकों ने फ्लोटिंग ब्याज दर पर कर्ज ले रखा है। जिसके चलते ब्याज दरों में हुए प्रत्येक बदलाव से होम लोन की दर भी बढ़ जाती है। लेकिन अब जल्द ही आम ग्राहकों को इससे निजात मिल सकती है।
जल्द मिलेगा फिक्स्ड ब्याज दर का विकल्प
भारतीय रिजर्व बैंक कर्ज लेने वाले लोगों को परिवर्तनशील (फ्लोटिंग) ब्याज दर से निश्चित (फिक्स्ड) ब्याज दर का विकल्प चुनने की अनुमति देने की तैयारी कर रहा है। यानि कि अब ग्राहक जब चाहें फ्लोटिंग से फिक्स ब्याज दर में स्विच कर सकते हैं। अभी तक बैंक शुरुआत के 2 से 3 साल की अवधि के लिए होम लोन का रेट फिक्स करने का विकल्प दिया करते थे। इस कदम से मकान, वाहन और अन्य कर्ज लेने वाले लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि ऐसे ग्राहक ही ऊंची ब्याज दरों से सबसे अधिक प्रभावित हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए एक नया ढांचा तैयार किया जा रहा है। इसके तहत ऋणदाताओं को कर्ज लेने वाले ग्राहकों को ऋण की अवधि तथा मासिक किस्त (ईएमआई) के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी होगी।
पारदर्शी ढांचा तैयार करें बैंक
(i) अवधि और/या ईएमआई में बदलाव करने के लिए उधारकर्ताओं के साथ स्पष्ट रूप से संवाद करने की आवश्यकता होगी
(ii) फिक्स रेट वाले ऋणों पर स्विच करने या ऋणों की समय से पहले खत्म के लिए विकल्प प्रदान करना होगा
(iii) विकल्पों के प्रयोग से जुड़े विभिन्न शुल्कों का खुलासा करना होगा।
(iv) उधारकर्ताओं को महत्वपूर्ण जानकारी देना सुनिश्चित करना होगा।
बैंक बिना पूछे थमा देते हैं फ्लोटिंग ब्याज दर
शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘ रिजर्व बैंक द्वारा की गई समीक्षा और लोगों से मिली प्रतिक्रिया में कई बार उधार लेने वालों की सहमति तथा उचित संवाद के बिना फ्लोटिंग रेट कर्ज की अवधि को अनुचित रूप से बढ़ाने के कई उदाहरण सामने आए।’’ उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए कर्ज लेने वालों के समक्ष पेश हो रही समस्याओं के समाधान के लिए एक उचित आचरण ढांचा स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसका सभी विनियमित संस्थाओं द्वारा पालन किया जाए। दास ने कहा कि इसमें अवधि या मासिक किस्त में किसी तरह के बदलाव के लिए कर्ज लेने वालों के साथ स्पष्ट रूप से संवाद करना होगा।
ग्राहकों को मिलेगा चुनने का विकल्प
कर्ज लेने वाले ग्राहकों को निश्चित (Fixed) दर का विकल्प चुनने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जल्द जारी किए जाएंगे। दास ने कहा कि अवसंरचना ऋण कोष (IDF) बुनियादी ढांचा क्षेत्र के वित्तपोषण और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था) की विभिन्न श्रेणियों पर लागू नियमनों के सामंजस्य में बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ विचार-विमर्श में आईडीएफ के लिए मौजूदा नियामकीय ढांचे की समीक्षा की जा रही है।