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बिहार: टॉपर घोटाले का मुख्य आरोपी, ईडी की जमीन पर कब्जा, रेड में निकला 3 करोड़ कैश

बिहार के वैशाली में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बच्चा राय के ठिकानों पर छापेमारी करके 3 करोड़ कैश बरामद किया है। बता दें कि बच्चा राय पर ED की जमीन पर कब्जे करने का आरोप है। छापेमारी में बच्चा राय के यहां से संपत्ति से जुड़े 100 से ज्यादा दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।

BACHHA RAI- India TV Hindi Image Source : INDIA TV बहुचर्चित टॉपर घोटाले का मुख्य अभियुक्त बच्चा राय के घर छापे में निकला करोड़ों कैश

बिहार में साल 2016 में हुए बहुचर्चित टॉपर घोटाले के मुख्य अभियुक्त बच्चा राय के तीन ठिकानों पर कल ईडी ने छापेमारी की। इस दौरान करीब 3 करोड़ रुपये कैश बरामद हुआ है। ED ने बच्चा राय के वैशाली के भगवानपुर स्थित आवास और शिक्षण संस्थानों पर कल छापेमारी की थी। ED के सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान करीब तीन करोड़ नगद के अलावा कई स्थानों पर संपत्ति से जुड़े 100 से अधिक दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।

ED द्वारा जप्त जमीन पर कर रहा था निर्माण

जानकारी मिली है कि वैशाली जिले में भगवानपुर के पास विशुन राय महाविद्यालय, विशुन राय राजदेव ट्रेनिंग कॉलेज और कीरतपुर गांव में मौजूद बच्चा राय के आवास पर कल सघन छापेमारी हुई थी। बच्चा राय ED द्वारा जप्त उसकी जमीन पर अवैध तरीके से निर्माण कार्य करा रहा था। इस छापेमारी से पहले 24 नवंबर को ईडी के सहायक निदेशक की तरफ से वैशाली जिले के भगवानपुर थाने में बच्चा राय उर्फ अमित कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसमें ईडी ने कहा था कि जिस जमीन को उनकी एजेंसी ने जब्त कर उस पर इससे संबंधित साइन बोर्ड लगाया था, उसे उखाड़ दिया गया है और वहां पर अवैध तरीके से निर्माण कार्य भी कराया जा रहा है। FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने निर्माण कार्य पर रोक लगा दी।

क्या है 2016 का टॉपर घोटाला?

गौरतलब है कि साल 2016 में इंटर परीक्षा में रूबी राय नाम की लड़की पूरे राज्य में टॉप कर गई थी, जो बच्चा राय के कॉलेज की थी और उसकी ही बेटी थी। टॉप-10 की सूची में विशुन राय महाविद्यालय के ही अधिकांश छात्र थे। जब इनकी मेघा की जांच की गई तो पता चला कि पैसे लेकर परीक्षा में कॉपी बदलकर और धांधली कर इस संस्थान के छात्र टॉपर बन गए थे। इसमें बच्चा राय के अलावा इंटर काउंसिल के तत्कालीन अध्यक्ष प्रो. लालकेश्वर प्रसाद सिंह, उनकी पत्नी विधायक उषा सिन्हा व कई अफसरों की मिलीभगत सामने आई थी।

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