A
Hindi News बिहार Bihar Jamui News : हादसे में पैर गंवाने वाली सीमा रोज एक किमी कूदते हुए जाती है स्कूल, हौसले को हर कोई कर रहा सलाम

Bihar Jamui News : हादसे में पैर गंवाने वाली सीमा रोज एक किमी कूदते हुए जाती है स्कूल, हौसले को हर कोई कर रहा सलाम

Bihar Jamui News : दो वक़्त की रोटी जुटाने की मशक्क़त और पैर की तकलीफ के बाद भी सीमा हर दिन गांव की पगडंडी पर एक पैर से कूदते हुए मध्य विद्यालय फतेहपुर पढ़ने जाती है। 

Bihar Jamui girl Seema- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Bihar Jamui girl Seema

Highlights

  • हादसे में एक पांव गंवाने के बाद भी हौसला बरकरार
  • घर से स्कूल करीब एक किमी कूदते हुए जाती है सीमा
  • मज़बूत इरादे और हौसले की हर कोई कर रहा तारीफ

Bihar Jamui News : जमुई की रहने वाली दिव्यांग बच्ची सीमा के हौसले की चर्चा आज हर जगह हो रही है। सीमा के हौसले के आगे मुसीबतों की सीमाएं भी छोटी पड़ गयी हैं। क्योंकि एक हादसे मे पैर गंवाने के बाद सीमा अपने बचे हुए एक पैर से ही हर दिन एक किलोमीटर की दूरी तय कर स्कूल जाती है। उसकी पढ़ने की ललक के आगे उसकी दिव्यांगता हार गयी और सीमा ने स्कूल जाना शुरू कर दिया। महादलित समुदाय से आने वाले खीरन मांझी की 10 साल की बेटी सीमा नक्सल प्रभावित फतेहपुर गांव की रहने वाली है। पिता बाहर रहकर मजदूरी करते हैं और मां ईंट भठ्ठे पर काम करती है। दो वक़्त की रोटी जुटाने की मशक्क़त और पैर की तकलीफ के बाद भी सीमा हर दिन गांव की पगडंडी पर एक पैर से कूदते हुए मध्य विद्यालय फतेहपुर पढ़ने जाती है। दौड़ते-भागते बच्चों की भीड़ में एक पैर पर कूदते हुए जाती सीमा को रास्ते में हर कोई देखने लगता है लेकिन इस सबसे वेपरवाह सीमा अपनी मंजिल की तरफ बढ़ती जाती है।

तेजी से वायरल हो रहा है वीडियो

सीमा पढ़ाई पूरी कर शिक्षक बनना चाहती है ताकि आगे चलकर अन्य बच्चों को शिक्षित कर सके। सीमा के हौसले और उसके पढ़ने की ललक को देख उसकी मदद के लिए कई लोग सामने भी आने लगे हैं। सीमा का एक पैर पर चलकर स्कूल जाते वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। ऐसे दिव्यांग बच्चों की मदद के लिए कई योजनाओं को संचालित करने का दावा करने वाली सरकार के नुमाइंदे  भी अब सीमा के गांव  पहुंचने लगे हैं। खुद जिले के डीएम ने भी सीमा के घर पहुंचकर उसे ट्राई साइकिल दिया और कृत्रिम अंग लगवाने का भरोसा दिया। डीएम साहब ने अब पक्के मकान का वादा भी कर दिया है।

ट्रैक्टर हादसे में सीमा को एक पांव गंवाना पड़ा था

सीमा दो साल पहले सीमा ट्रैक्टर की चपेट में आ गई थी जिससे उसे एक पैर गंवाना पड़ा था। इसके बावजूद उसके हौसले कम नहीं हुए। सीमा के मज़बूत इरादे और हौसले को देखकर स्कूल के टीचर ने सीमा का एडमिशन ले लिया। सीमा छह भाई-बहनों में दूसरे नबंर पर है। सीमा की मां बेबी देवी बताती हैं कि सड़क हादसे में पैर गंवाने के बाद ऐसा लग रहा था कि सीमा की जिंदगी अंधकार में डूब जायेगी। लेकिन दूसरे बच्चों को स्कूल जाते देख सीमा ने भी पढ़ने की इच्छा जताई। 

एक पांव गंवाने के बावजूद सीमा के हौसले बुलंद

सीमा बताती है कि एक किलोमीटर की दूरी एक पैर से तय करने में उसे शुरू में बहुत तकलीफ होती थी लेकिन अब आदत सी  हो गयी है। पढ़ाई के साथ-साथ सीमा एक पैर से ही घर का सारा कामकाज भी कर लेती है। सीमा के स्कूल के शिक्षक शिवकुमार भगत भी मानते हैं कि सीमा को हमने कभी टूटते  हुए नहीं देखा, उसके हौसले सामान्य बच्चों की तरह ही हैं। स्कूल के सभी शिक्षक भी उसे हरसंभव मदद करते है।