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Hindi News बिहार क्लासरुम में भूसा, बरामदे में बांधी गाय... स्कूल है या चारागाह? बिहार से फिर सामने आई हैरान करने वाली तस्वीरें

क्लासरुम में भूसा, बरामदे में बांधी गाय... स्कूल है या चारागाह? बिहार से फिर सामने आई हैरान करने वाली तस्वीरें

बिहार में एजुकेशन सिस्टम का क्या हाल है। इसकी हकीकत का अंदाजा यहां के सरकारी स्कूल को देखकर लगा सकते हैं। मुख्यमंत्री आवास से चंद मिनटों की दूरी पर स्थित स्कूल में 86 बच्चे हैं। यहां एजुकेशन सिस्टम 2 कमरे और 3 टीचर के हवाले है।

bihar school- India TV Hindi Image Source : INDIA TV जिस क्लासरुम में बच्चों को पढ़ना चाहिए वहां पुआल रखा हुआ है

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिशन 2024 का टारगेट सेट करने में लगे हैं, विपक्ष को एकजुट कर रहे हैं। वह केंद्र और बीजेपी की एक एक खामियों को गिनाने का काम कर रहे हैं लेकिन उनके खुद के राज्य में एजुकेशन सिस्टम दम तोड़ता नजर आ रहा है। पटना समेत बिहार के अलग अलग जिलों के सरकारी स्कूलों की स्थिति बदतर है। राजधानी पटना से सिस्टम पर सवाल उठाने वाली एक और तस्वीर सामने आई है। गर्दनीबाग इलाके में चल रहे सरकारी स्कूल में 86 बच्चों को 3 टीचर पढ़ाने के मजबूर हैं। एक कमरें में 3 क्लास एक साथ चल रही है तो बगल के कमरे में एक टीचर 2 क्लास के बच्चों के एक साथ अलग अलग सब्जेट पढ़ा रहे हैं।

पानी में भीग जाती हैं बच्चों की कॉपी-किताब
बिहार से सामने आई ये तस्वीरें शिक्षा व्यवस्था के हालात को दिखा रही हैं। कहीं एक ब्लैकबोर्ड पर 5 स्कूल चल रहे हैं तो कहीं एक ही क्लास में मैथ और बायोलॉजी एक साथ पढ़ाई जा रही है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के होम डिस्ट्रिक्ट गोपालगंज में जर्जर कमरों के नीचे बैठकर बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। पटना के सरकारी स्कूल में एक क्लास की छत तो जमींदोज हो चुकी है, दो क्लास जो बचीं है। वहां छतों पर दरारों से पानी लगातार टपक रहा है। बच्चों की कॉपी-किताब पानी में भीग जाती है और इसी कंडीशन में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। भागलपुर जिले की स्कूलों का भी यही हाल है। यहां अचानक स्कूल ने परीक्षा रद्द कर दी तो छात्राओं ने जमकर बवाल मचाया। उन्होंने SDM के काफिले पर हमला बोला और स्कूल कैंपस में नारेबाजी की।

CM के गृह जिले में क्लासरूम ठसाठस, सिर्फ नाम के लिए एग्जाम
तीसरी हैरान करने वाली तस्वीर नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से आई है। यहां तो और बुरा हाल है, फर्श पर बैठकर बच्चे एग्जाम देते नजर आए हैं। हैरान की बात ये है कि बच्चों के बीच में नाम मात्र की भी दूरी नहीं थी। जमुई में कहने के लिए तो स्कूल है लेकिन तस्वीरें कुछ और कह रही है। क्लासरुम के भीतर भूसा रखा गया है। ब्लैकबोर्ड भी खुद अपनी बदहाली पर रो रहा है। जिस क्लासरुम में बच्चों को पढ़ना चाहिए वहां पुआल रखा हुआ है। स्कूल के बरामदे पर गाएं बांधी गई है। स्कूल की बर्बादी को देखकर बिहार के शिक्षा विभाग के सचिव केके पाठक भड़क गए।

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 2 कमरे और 3 टीचर के हवाले एजुकेशन सिस्टम
राजधानी पटना में सरकारी एजुकेशन सिस्टम का क्या हाल है। इसकी हकीकत का अंदाजा गर्दनीबाग के सरकारी स्कूल को देखकर लगा सकते हैं। ये स्कूल मुख्यमंत्री आवास से चंद मिनटों की दूरी पर है। इस स्कूल में 86 बच्चे हैं। यहां एजुकेशन सिस्टम 2 कमरे और 3 टीचर के हवाले है। मजबूर टीचर जैसे तैसे अपने फर्ज को अंजाम दे रहे हैं। एक कमरे में तीन क्लास को 2 टीचर एक साथ पढ़ा रहे हैं तो दूसरे कमरे 2 क्लास को एक टीचर कंट्रोल कर रहे हैं।

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