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Hindi News बिहार Bihar Politics: नीतीश के अलग होने के बाद अब क्या करेंगे राज्यसभा उपसभापति हरिवंश, पार्टी का साथ देंगे या पद पर बने रहेंगे?

Bihar Politics: नीतीश के अलग होने के बाद अब क्या करेंगे राज्यसभा उपसभापति हरिवंश, पार्टी का साथ देंगे या पद पर बने रहेंगे?

Bihar Politics: भाजपा से अलग होने के बाद जिस अंदाज से नीतीश कुमार और उनके करीबी भाजपा पर लगातार हमला बोल रहे हैं उससे तो फिलहाल यही लग रहा है कि नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर पर भी भाजपा से लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

Harivansh Narayan Singh - India TV Hindi Image Source : PTI Harivansh Narayan Singh

Highlights

  • नीतीश कुमार ने 8वीं बार संभाली बिहार की कमान
  • JDU से राज्यसभा पहुंचे हरिवंश उपसभापति पद से देंगे इस्तीफा?
  • मोदी से दो-दो हाथ करने की तैयारी में नीतीश?

Bihar Politics: नीतीश कुमार के NDA गठबंधन से अलग होने क बाद अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हुई है कि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश क्या करेंगे? क्या जेडीयू के राज्यसभा सांसद के तौर पर राज्यसभा के उपसभापति बने हरिवंश अपने नेता नीतीश कुमार का साथ देते हुए राज्यसभा के उपसभापति के पद से इस्तीफा दे देंगे या फिर लेफ्ट के दिग्गज नेता सोमनाथ चटर्जी की राह पर चलते हुए अपने पद पर बने रहेंगे? भाजपा से अलग होने के बाद जिस अंदाज से नीतीश कुमार और उनके करीबी भाजपा पर लगातार हमला बोल रहे हैं उससे तो फिलहाल यही लग रहा है कि नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर पर भी भाजपा से लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

मोदी से दो-दो हाथ करने की तैयारी में नीतीश?
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद जिस अंदाज में उन्होंने 2014 और 2024 की बात कही उससे भी यही संदेश निकल कर सामने आ रहा है कि नीतीश कुमार 2024 में प्रधानमंत्री मोदी से दो-दो हाथ करने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में वो अपनी पार्टी के एक सांसद (हरिवंश) को कैसे राज्यसभा का उपसभापति रहने दे सकते हैं, यह भी एक बड़ा सवाल है?

सोमनाथ चटर्जी के सामने आई थी ऐसी परिस्थिति
आपको याद दिला दें कि, इसी तरह की परिस्थिति का सामना लेफ्ट के दिग्गज नेता रहे सोमनाथ चटर्जी को भी करना पड़ा था। दरअसल, 2008 में अमेरिका के साथ परमाणु संधि करने के विरोध में मनमोहन सरकार को बाहर से समर्थन देने वाले सीपीएम ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन देने के एवज में हुए राजनीतिक समझौते के तहत कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों ने सीपीएम के दिग्गज सांसद सोमनाथ चटर्जी को लोकसभा का अध्यक्ष बनाया था। समर्थन वापसी के बाद सीपीएम ने चटर्जी को लोकसभा अध्यक्ष का पद छोड़ने को कहा लेकिन सोमनाथ चटर्जी ने यह कहते हुए इस्तीफा देने से इंकार कर दिया कि स्पीकर का पद संवैधानिक होता है और इस पर निर्वाचित हो जाने के बाद व्यक्ति किसी भी दल का नहीं रहता। इससे नाराज सीपीएम ने उन्हें एक महीने बाद पार्टी से ही बर्खास्त कर दिया था।

उसी तरह की परिस्थिति अब हरिवंश, नीतीश कुमार और जेडीयू के सामने खड़ी हो गई है। नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है और ऐसे में वह यह भी उम्मीद कर सकते हैं कि उनकी पार्टी से राज्यसभा पहुंचे हरिवंश उपसभापति के पद से इस्तीफा देकर विरोधी दलों की आवाज को सदन में बुलंद करे। लेकिन इस बारे में अंतिम फैसला तो स्वयं हरिवंश को ही करना है।

2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नीतीश ने दिया बड़ा संकेत
गौरतलब है कि 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा संकेत दे दिया है। उन्होंने कहा कि 2024 के लिए पूरा विपक्ष एकजुट हो जाए। उन्होंने कहा- हम रहें न रहें लेकिन जो 2014 में आए वो 2024 में नहीं रहेंगे। नीतीश कुमार ने बीजेपी पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ''2015 में जब हम महागठबंधन में लड़े थे तो सीटों की क्या स्थिति थी और 2020 में चुनाव लड़े तो क्या स्थिति रही, ये तो सबके सामने है।''