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Bihar Politics: नीतिश के सहयोगी ने कहा- NDA में समन्वय की कमी, वाजपेयी युग को याद किया

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक अन्य पुराने सहयोगी बिजेंद्र प्रसाद यादव ने गुरुवार को ‘वाजपेयी युग’ के विपरीत मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में समन्वय की कमी पर नाराजगी जताई।

Bijendra Prashad Yadav- India TV Hindi Image Source : ANI Bijendra Prashad Yadav

Highlights

  • NDA में समन्वय की कमी है- बिजेंद्र प्रसाद यादव
  • बिहार सरकार में मंत्री हैं बिजेंद्र प्रसाद यादव

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक अन्य पुराने सहयोगी बिजेंद्र प्रसाद यादव ने गुरुवार को ‘वाजपेयी युग’ के विपरीत मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में समन्वय की कमी पर नाराजगी जताई। राज्य मंत्रिमंडल में सबसे वरिष्ठ मंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष बिजेंद्र प्रसाद यादव ने इस बात पर अफसोस जताया कि समन्वय की कमी के कारण सत्ता में सहयोगी दलों को आरोपों सामना और उनका जवाब देना पड़ रहा है। उन्होंने अपनी पार्टी और सहयोगी दल भाजपा के नेताओं के बीच अक्सर वाकयुद्ध के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आरोप-प्रत्यारोप विपक्ष को शोभा देता है। यह खेदजनक है जब सत्ता साझा करने वाली पार्टियां उसी में लिप्त होती हैं।’’

अटल शासन के विचारधारा को दोहराया

यादव जिनकी पार्टी भाजपा की सबसे बड़ी सहयोगी है, ने अफसोस जताया कि वाजपेयी युग (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नेतृत्व काल) के विपरीत अब ‘‘राजग की समन्वय समिति’’ जिसकी अध्यक्षता अनुभवी समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडीस ने की थी, नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘समन्वय समिति एक महत्वपूर्ण उद्देश्य की पूर्ति करती है। विभिन्न दलों के सदस्य एक साथ बैठेंगे और विविध विचारधाराओं से उत्पन्न अपने मतभेदों को दूर करेंगे। अब ऐसा कोई मंच नहीं है। नेताओं के पास मीडिया के माध्यम से मतभेदों को व्यक्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जो कि गठबंधन पर पूरा प्रभाव डालता है।’’ 

आजकल मुखर होते दिख रहे हैं बिजेंद्र प्रसाद यादव

यादव, जिनकी कम बोलने वाले नेताओं में गिनती होती है, राजग में समन्वय समिति की बहाली की मांग करने वाले जदयू के उपेंद्र कुशवाहा और के.सी.त्यागी जैसे मुखर नेताओं में अब शामिल हो गए हैं। राजनीतिक हलकों में इस मांग को (प्रधानमंत्री नरेंद्र)मोदी- (केंद्रीय गृहमंत्री अमित)शाह के नेतृत्व वाली भाजपा जिसे संसद में अपने दम पर बहुमत प्राप्त है, जदयू द्वारा अप्रत्यक्ष विरोध के रूप में देखा जा रहा है । हाल के दिनों में जदयू और भाजपा ‘अग्निपथ’, जनसंख्या नियंत्रण कानून और एक पुलिस अधिकारी द्वारा इस्लामी चरमपंथी संगठन पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया) के साथ आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) की कथित तुलना जैसे मुद्दों पर एक-दूसरे से बिल्कुल विपरीत विचार रखती नजर आयी थी। 

मंत्रिपरिषद नीति मामलों में मुख्यमंत्री की सहायता के लिए है- बिजेंद्र प्रसाद यादव

यादव जिनके पास विद्युत और योजना और कार्यान्वयन जैसे प्रमुख विभाग हैं, ने अपने अन्य कैबिनेट सहयोगियों द्वारा मुख्यमंत्री के तबादलों और पोस्टिंग के लिए उनकी सिफारिशों को अस्वीकार कर दिये जाने पर सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें संविधान पढ़ना चाहिए। यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मंत्रिपरिषद नीति मामलों में मुख्यमंत्री की सहायता के लिए है। ट्रांसफर और पोस्टिंग एक प्रशासनिक मामला है। अगर मंत्री इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाना शुरू करते हैं तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ भाजपा नेता तथा राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत राय ने हाल ही में मुख्यमंत्री के कार्यालय पर 100 से अधिक अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग जिसे उन्होंने मंजूरी दे दी थी, पर कथित ‘वीटो’ करने पर नाराजगी व्यक्त की थी।