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जानिए आपको मिलने वाली सैलरी की पूरी ABCD

क्या होती है सैलरी/ वेतन- सैलरी वह एकमुश्त राशि होती है जिसे हमारे काम के एवज में दिया जाता है। जब मालिक-सेवक, नियोक्ता और कर्मचारी के बीच संबध के कारण आपको कुछ राशि दी जाती

भत्तों के प्रकार और उनमें मिलने वाली छूट
भत्ते- भत्ते का अर्थ है कर्मचारी को वेतन के अतिरिक्त नियमित रुप से दी जाने वाली निश्चित धनराशि जो कर्मचारी को उसके द्वारा दी जा रही सेवाओं से संबंधित कुछ निश्चित जरूरतों को पूरा करने के लिए या रोजगार की असाधारण परिस्थितियों के लिए क्षतिपूर्ति के रुप में दी जाती है। यह देय/ उपार्जन के आधार पर कर योग्य होती है चाहे इसका भुगतान वेतन के अतिरिक्त या उसके बदले किया जाए। मूल नियम यही है कि सभी भत्ते कर योग्य होते हैं क्योंकि इनका भुगतान EMPLOYER और EMPLOYEE के प्रत्यक्ष संबंध के कारण होता है, लेकिन कुछ भत्ते निर्धारित शर्तों पर करमुक्त होते हैं।

करमुक्त और करयोग्य भत्ते-

महंगाई भत्ता- पूरी तरह करयोग्य है

नगर क्षतिपूर्ति भत्ता- यह करयोग्य होता है, क्योंकि यह व्यक्तिगत भत्ता होता है जो कर्मचारी द्वारा पूर्णत: आवश्यक और विशेष कार्यों को करने के लिए किए गए खर्च की पूर्ति के लिए दिया जाता है।

विशेष प्रतिपूर्ति भत्ते- नियम 2 बीबी के तहत कुछ निर्धारित भत्ते भी करमुक्त होते हैं, जो कर्मचारी को या तो जिस स्थान पर वो नौकरी करता है, या आमतौर पर रहता है, वहां उसके व्यक्तिगत खर्चे की पूर्ति के लिए दिए जाते हैं।

मकान किराया भत्ता(HRA)- किसी कर्मचारी द्वारा प्राप्त मकान किराया भत्ता करयोग्य होता है, यदि वह अपने मकान में रह रहा हो या ऐसे मकान में रह रहा हो, जिसके लिए उसे कुछ किराया नहीं देना पड़ता। अन्य कर्मचारियों की स्थिति में HRA एक निश्चित सीमा तक करमुक्त होता है।

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