A
Hindi News बिज़नेस सफलता कभी सूरत नहीं देखती और हुनर उम्र नहीं पढ़ता

सफलता कभी सूरत नहीं देखती और हुनर उम्र नहीं पढ़ता

नई दिल्ली: हुनर उम्र का मोहताज नहीं होता और न हीं सफलता सिर्फ चेहरे की झुर्रियों से तय होती है। खुली आंखों से अपने अंदाज में दुनिया को देखने वाले युवा भी कभी कभार ऐसे

5. शुभम बनर्जी -

13 साल की उम्र में शुभम ने अपनी कंपनी खड़ी कर दी। शुभम ने छोटी उम्र में ही नेत्रहीन लोगों के लिए ब्रेल प्रिंटिंग करने वाली एक मशीन बनाई। शुभम के इस अविष्कार से ऐसी प्रिंटिग पर होने वाले खर्च में भारी कमी आएगी। पहले ब्रेल प्रिटिंग पर आने वाली लागत 2000 डॉलर से घटकर 350 डॉलर रह जाएगी। शुभम इंटर कैपिटल समिट 2014 में निवेश पाने वाला सबसे कम उम्र का उद्यमी है।