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Hindi News क्राइम सेना में सिपाही नहीं बन पाया तो कैप्टन बनकर करने लगा ठगी, पत्नी ने करवा दिया गिरफ्तार

सेना में सिपाही नहीं बन पाया तो कैप्टन बनकर करने लगा ठगी, पत्नी ने करवा दिया गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल ने (STF) ने सेना का कैप्टन बनकर फौज में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने के एक आरोपी को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया।

Fake Army Captain, Fake Captain, Fake Army Captain STF, Fake Army Captain Arrested- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL उत्तर प्रदेश पुलिस की STF ने सेना का कैप्टन बनकर फौज में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल ने (STF) ने सेना का कैप्टन बनकर फौज में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने के एक आरोपी को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। STF के सूत्रों ने लखनऊ में बताया, ‘खुद को सेना में कैप्टन बता कर लोगों को फौज में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोपी आनंद कुमार उर्फ राजवीर सिंह रघुवंशी को एसटीएफ ने वाराणसी के कैंट इलाके में गिरफ्तार किया।’ उन्होंने बताया कि आनंद के पास से सेना की वर्दी, 5 मुहर, कैप्टन की वर्दी पहनकर खिंचवाई गई तस्वीर, पुलिस उपाधीक्षक के पद पर चयन की झूठी खबर की पेपर कटिंग तथा कुछ अन्य सामान बरामद किया गया है।

7 लोगों से ठगे 14 लाख रुपये
सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्त से पूछताछ एवं खुफिया जानकारी से पता चला है कि आनंद वकालत की पढ़ाई करता है। उसने वर्ष 2008 में सेना में सिपाही की भर्ती के लिए प्रयास किया था, मगर वह सफल नहीं हुआ था। इसके बाद उसने बेरोजगार युवकों को सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने की साजिश रची। उन्होंने बताया कि आनंद ने अपनी योजना के मुताबिक पहले सेना के कैप्टन की वर्दी बनवाई और अपने आस-पास के लोगों को विश्वास दिलाया कि वह फौज में कैप्टन है। इसके बाद उसने वाराणसी के भिटारी गांव के रहने वाले अमरनाथ यादव तथा कुछ अन्य अभ्यर्थियों को बहला-फुसलाकर नौकरी दिलाने का झांसा दिया और कुल 7 लोगों से 14 लाख रुपये ठग लिए।

आनंद की पत्नी को हुआ शक
सूत्रों ने बताया कि आनंद ने सुधाकर वर्मा, रजनीश और दिव्या नामक अभ्यर्थियों से भी भर्ती के नाम पर 10 लाख रुपये लिए। इसके अलावा उस पर सेना की कैंटीन से डेढ़ लाख रुपये का सामान निकालने के नाम पर भी ठगी करने का आरोप लगा है। सूत्रों के मुताबिक, बाद में आनंद की पत्नी और आस-पास के लोगों को उसके फर्जी कैप्टन होने का संदेह होने लगा। इसी दौरान वर्ष-2020 में पीसीएस-2017 का परिणाम आया था, जिसमें वाराणसी के ही रहने वाले किसी आनंद कुमार की 62वीं रैंक आई थी और उसे पुलिस उपाधीक्षक के पद पर नियुक्ति मिली थी।

पत्नी ने ही दर्ज कराया मामला
इस बात की जानकारी होने पर आनंद ने अपने नाम का फायदा उठाया और समाचार पत्र के कार्यालय में जाकर अपनी फोटो तथा पता देकर समाचार छपवाया कि उसकी पुलिस उपाधीक्षक के पद पर नियुक्ति हुई है। इसके बाद वह सेना का कैप्टन और पुलिस उपाधीक्षक बनकर ठगी करने का प्रयास करने लगा। सूत्रों ने बताया कि आनंद ने अपनी शादी भी धोखे से ही की थी और इस सिलसिले में उसकी पत्नी ने ही उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि आनंद के खिलाफ वाराणसी के कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। (भाषा)

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