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दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, मुख्यमंत्री को नागरिकों से किए अपने वादों का सम्मान करना होगा

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि उसे कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले दिल्ली पुलिस के सिपाही के परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने के अपने वादे का सम्मान करना चाहिए।

Delhi High Court, Delhi High Court Arvind Kejriwal, Arvind Kejriwal, Delhi High Court Kejriwal- India TV Hindi Image Source : PTI जज ने दिल्ली सरकार को कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय दिया और मामले को 4 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया।

नयी दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से कहा कि उसे कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले दिल्ली पुलिस के सिपाही के परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने के अपने वादे का सम्मान करना चाहिए। हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि नागरिकों से मुख्यमंत्री का वादा स्पष्ट रूप से ‘लागू करने योग्य’ है। जस्टिस रेखा पल्ली ने मौखिक रूप से हाई कोर्ट द्वारा गुरुवार को दिए गए फैसले का जिक्र करते हुए कहा, ‘आपको वादे का सम्मान करना होगा। आपका मुख्यमंत्री एबीसी कारणों से वादे नहीं कर सकता है।’

‘मुख्यमंत्री को अपने वादों का सम्मान करना होगा’
हाई कोर्ट ने इस फैसले में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को अरविंद केजरीवाल की उस घोषणा पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था कि यदि कोई गरीब किरायेदार कोविड-19 महामारी के दौरान किराए का भुगतान करने में असमर्थ था, तो राज्य इसका भुगतान करेगा। जस्टिस पल्ली ने दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल अमित कुमार के परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने का दिल्ली सरकार को निर्देश दिये जाने के अनुरोध संबंधी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री को अपने वादों का सम्मान करना होगा।’

4 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध हुआ मामला
जज ने दिल्ली सरकार को कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय दिया और मामले को 4 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया। जस्टिस पल्ली ने गुरुवार को जस्टिस प्रतिभा एम सिंह द्वारा दिए गए फैसले का भी उल्लेख किया जिसमें यह कहा गया था कि नागरिकों से मुख्यमंत्री का वादा स्पष्ट रूप से ‘लागू करने योग्य’ है। पेश मामले में अदालत ने कहा कि याचिका मुख्य रूप से मुख्यमंत्री द्वारा जारी किए गए ट्वीट पर आधारित है जिसमें उनके द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया था कि कांस्टेबल अमित कुमार के परिवार के सदस्यों को एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

‘कुमार को मुआवजा नहीं दिया जा सकता’
दिल्ली सरकार ने अदालत में दाखिल अपने जवाब में कहा कि कुमार को राशि नहीं दी जा सकती क्योंकि वह कोविड-19 ड्यूटी पर तैनात नहीं थे। दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी के माध्यम से दायर जवाब में कहा गया है कि कुमार के मामले की कैबिनेट के फैसले के संदर्भ में जांच की गई और उन्हें इसमें शामिल नहीं पाया गया क्योंकि उन्हें दिल्ली सरकार ने कोविड-19 ड्यूटी पर तैनात नहीं किया था और दो नवंबर, 2020 को डीसीपी, उत्तर पश्चिम को इस फैसले से अवगत कराया गया था।

‘दर-दर भटक रही हैं कांस्टेबल कुमार की पत्नी’
कांस्टेबल कुमार की पत्नी पूजा ने अधिवक्ता संदीप सहगल और आनंद प्रकाश शर्मा के माध्यम से दाखिल अपनी याचिका में कहा कि वह अपने पति की मौत के एक दिन बाद से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किये गए मुआवजे के वादे के अनुरूप अनुग्रह राशि पाने के लिए दर-दर भटक रही है।