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Hindi News दिल्ली Greenpeace ने कहा, दिल्ली में पीएम 2.5 के प्रदूषण से पिछले साल गई 54 हजार लोगों की जान

Greenpeace ने कहा, दिल्ली में पीएम 2.5 के प्रदूषण से पिछले साल गई 54 हजार लोगों की जान

बता दें कि दिल्ली में पिछले साल वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से 6 गुना अधिक रहा।

Delhi air pollution deaths, Delhi air pollution greenpeace, Delhi air pollution deaths greenpeace- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL बता दें कि दिल्ली में पिछले साल वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से 6 गुना अधिक रहा।

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल पीएम-2.5 से हुए वायु प्रदूषण से करीब 54 हजार लोगों की जान चली गई। ग्रीनपीस द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि पीएम-2.5 से हुए वायु प्रदूषण से देश की राजधानी में इतनी मौतें हुई हैं। बता दें कि दिल्ली में पिछले साल वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से 6 गुना अधिक रहा। ग्रीनपीस दक्षिण पूर्व एशिया द्वारा वायु गुणवत्ता विश्लेषण में अनुमान लगाया गया है कि दिल्ली में पीएम-2.5 के प्रदूषण से प्रत्येक 10 लाख आबादी पर 18 हजार लोगों की मौत हुई।

क्या होता है पीएम-2.5?
अध्ययन में कहा गया, ‘पीएम-2.5 के प्रदूषण की वजह से भारत की राष्ट्रीय राजधानी में वर्ष 2020 में करीब 54,000 लोगों की जान चली गई।’ पीएम-2.5 हवा में मौजूद सूक्ष्म कण है जिनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर होता है। अध्ययन के मुताबिक वैश्विक आधार पर पर्यावरण खतरों में पीएम-2.5 के संपर्क को खतरनाक माना जाता है और वर्ष 2015 में करीब 42 लाख लोगों की असमय मृत्यु इसकी वजह से हुई। अध्ययन के मुताबिक इसी तरह की क्षति अन्य भारतीय शहरों में भी हो रही है जो चिंताजनक है।


तोकियो और शंघाई में भी हालात बुरे
ग्रीनपीस के अध्ययन में दावा किया गया है,‘अनुमान है कि मुंबई में वर्ष 2020 में 25 हजार लोगों की मौत पीएम-2.5 से हुई जिसे टाला जा सकता था। इसी प्रकार अनुमान है कि बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद एवं लखनऊ में क्रमश: 12 हजार, 11 हजार, 11 हजार एवं 6700 लोगों की मौत टाली जा सकती थी।’ अध्ययन के मुताबिक प्रदूषण की वजह से दिल्ली को 8.1 अरब डॉलर की अनुमानित आर्थिक क्षति हुई जो उसके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 13 प्रतिशत है। ग्रीनपीस के अध्ययन के मुताबिक, वायु प्रदूषण के चलते जापान की राजधानी तोकियो में 40 हजार, चीन के शहर शंघाई में 39 हजार और ब्रिटेन की राजधानी लंदन में 8600 लोगों की जान गई है।