A
Hindi News दिल्ली दिल्ली उच्च न्यायालय ने अस्पतालों को कोविड रोगियों की रोजाना भर्ती, छुट्टी पर सूचना देने के लिए कहा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अस्पतालों को कोविड रोगियों की रोजाना भर्ती, छुट्टी पर सूचना देने के लिए कहा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी अस्पतालों को निर्देश दिया कि कोविड-19 रोगियों को रोजाना भर्ती करने और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी मिलने के बारे में सूचना मुहैया कराएं और ऐसे लोगों के बारे में भी सूचना दें जो एक अप्रैल के बाद दस दिनों से ज्यादा समय से भर्ती हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अस्पतालों को कोविड रोगियों की रोजाना भर्ती, छुट्टी पर सूचना देने के लिए कहा- India TV Hindi Image Source : INDIA TV दिल्ली उच्च न्यायालय ने अस्पतालों को कोविड रोगियों की रोजाना भर्ती, छुट्टी पर सूचना देने के लिए कहा

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी अस्पतालों को निर्देश दिया कि कोविड-19 रोगियों को रोजाना भर्ती करने और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी मिलने के बारे में सूचना मुहैया कराएं और ऐसे लोगों के बारे में भी सूचना दें जो एक अप्रैल के बाद दस दिनों से ज्यादा समय से भर्ती हैं। अदालत में दिल्ली के अस्पतालों और नर्सिंग होम में आईसीयू और ऑक्सीजन वाले बिस्तर तथा आईसीयू बिस्तर के अधिकतम इस्तेमाल को लेकर सवाल उठाए गए। 

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि लगता है कि अस्पतालों और नर्सिंग होम में बिस्तरों को ब्लॉक किया जा रहा है। पीठ ने कोविड-19 की स्थिति से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर छुट्टी के दिन चार घंटे लंबी विशेष सुनवाई की। पीठ ने कहा, ‘‘बिस्तरों की कमी को देखते हुए खासकर ऑक्सीजन बिस्तर और आईसीयू बिस्तरों की कमी को देखते हुए हम इस पहलू पर गौर करना महत्वपूर्ण मानते हैं क्योंकि कोविड-19 बीमारी से ठीक होने के बावजूद रोगियों को अस्पताल से छुट्टी नहीं देने का कदाचार जारी है।’’ 

इसने कहा, ‘‘हम दिल्ली सरकार, केंद्र और निजी अस्पतालों सहित सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम के चिकित्सा अधीक्षकों/मालिकों/चिकित्सकों को निर्देश देते हैं कि कोविड-19 के भर्ती मरीजों और एक अप्रैल के बाद छुट्टी मिले मरीजों के बारे में पूरा ब्यौरा पेश करें।’’ उन्हें ऐसे रोगियों का ब्यौरा भी देना होगा जो दस दिनों या अधिक समय से भर्ती हैं और एक अप्रैल से वे किस तरह के बिस्तर पर भर्ती हैं, इस बारे में भी बताया जाए। 

पीठ ने कहा कि ब्यौरा चार मई तक अदालत के सहयोगी और वरिष्ठ वकील राजशेखर राव को ई-मेल किया जाए जो सूचनाओं को एक साथ जोड़कर पांच मई को अदालत के समक्ष पेश करेंगे। दिल्ली सरकार के वकील सत्यकाम ने कहा कि दिल्ली के सभी अस्पतालों में अभी तक कोविड-19 रोगियों के लिए 20,938 बिस्तर मौजूद हैं और इस आंकड़े में गैर ऑक्सीजन वाले बिस्तर, ऑक्सीजन वाले बिस्तर और आईसीयू बिस्तर शामिल हैं।