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Hindi News दिल्ली Delhi News: केजरीवाल की मांग; देश में कराया जाए जनमत संग्रह, 10 लाख करोड़ रुपए की कर्ज माफी से देश को हुआ घाटा

Delhi News: केजरीवाल की मांग; देश में कराया जाए जनमत संग्रह, 10 लाख करोड़ रुपए की कर्ज माफी से देश को हुआ घाटा

Delhi News: अरविंद केजरीवाल ने देश में एक जनमत संग्रह कराने की मांग की है। केजरीवाल ने कहा कि अगर जनता को फ्री सुविधाएं दी जाएंगी, तो इससे देश को नुकसान होगा और टैक्स देने वालों के साथ धोखा होगा।

Arvind Kejriwal- India TV Hindi Arvind Kejriwal

Highlights

  • अरविंद केजरीवाल ने देश में जनमत संग्रह कराने की मांग की
  • सरकार टैक्स जमा करने वालों के साथ धोखा कर रही है -केजरीवाल
  • सरकार ने अपने बड़े-बड़े अमीर दोस्तों के टैक्स माफ कर दिए -केजरीवाल

Delhi News: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश में एक जनमत संग्रह कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस जनमत संग्रह में देश की जनता से पूछा जाए कि क्या सरकारी पैसा एक परिवार और चंद दोस्तों के लिए इस्तेमाल होना चाहिए या फिर आम लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य और अच्छी सड़कें बनाने के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। केजरीवाल के मुताबिक यह कहा जा रहा है कि अगर जनता को फ्री सुविधाएं दी जाएंगी, तो इससे देश को नुकसान होगा और टैक्स देने वालों के साथ धोखा होगा। केजरीवाल ने कहा कि टैक्स देने वालों के साथ धोखा उनके बच्चों को अच्छी और फ्री शिक्षा और लोगों को अच्छा इलाज देने से नहीं होता है। उनके साथ धोखा तब होता है, जब अपने दोस्तों के कर्जे माफ करते हैं। अगर 10 लाख करोड़ रुपए के कर्जे माफ नहीं किए जाते, तो आज देश इस तरह घाटे की स्थिति में नहीं होता और दूध-दही पर जीएसटी लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। अगर जनता से मिले टैक्स से जनता को ही सुविधाएं नहीं देंगे और सारी सुविधाएं अपने दोस्तों को देंगे, तो फिर जनता के साथ धोखा ही होगा।

टैक्स जमा करने वालों से हो रहा धोखा

केजरीवाल ने कहा कि टैक्स देने वाला व्यक्ति यह देखता है कि मेरे से तो टैक्स लिया, खाने-पीने की चीजों पर जीएसटी लगा दिया। दूध, दही और छाछ पर जीएसटी लगा दिया और अपने बड़े-बड़े अमीर दोस्तों के टैक्स माफ कर दिए। बड़े-बड़े लोगों को टैक्स के अंदर राहत दे दी। तो फिर एक आम आदमी सोचता है कि हमारे साथ तो धोखा हो गया। टैक्स देने वालों के साथ धोखा इससे नहीं होता है कि हम उनके बच्चों को अच्छी और फ्री शिक्षा देते हैं, टैक्स देने वालों के साथ धोखा इससे नहीं होता है कि हम देश के लोगों का फ्री में अच्छा इलाज कराते हैं। टैक्स देने वालों के साथ धोखा तब होता है, जब अपने दोस्तों के कर्जे माफ करते हैं।

देश में होना चाहिए जनमत संग्रह

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं समझता हूं कि अगर 10 लाख करोड़ रुपए के कर्जे माफ नहीं किए जाते, तो आज देश इस तरह घाटे की स्थिति में नहीं होता। हमें दूध-दही के उपर जीएसटी लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन यह मुद्दा अच्छा उठा है और मेरी मांग है कि देश के अंदर जनमत संग्रह कराया जाए। देश के लोगों से पूछा जाए कि आप टैक्स देते हो। इस देश का गरीब से गरीब आदमी भी टैक्स देता है। वो बाजार से कुछ खरीद कर लाता है, तो उस पर जीएसटी देता है। देश के अंदर यह जनमत कराया जाए कि क्या सरकारी पैसा एक परिवार के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। एक पार्टी है, जो चाहती है कि सारा सरकारी पैसा एक परिवार के लिए इस्तेमाल हो। जनता से पूछा जाए कि क्या सरकारी पैसा एक परिवार के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। दूसरी विचारधारा है कि क्या सरकारी पैसा चंद दोस्तों के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। वहीं, तीसरा मॉडल है कि क्या सरकारी पैसा इस देश के आम लोगों को अच्छी सुविधाएं, अच्छी शिक्षा, अच्छे अस्पताल और अच्छी सड़कें बनाने के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। यह जो एक माहौल बनाया जा रहा है कि जनता को फ्री की सुविधाएं देने से देश को नुकसान होगा, तो फिर सरकार का काम क्या है। अगर जनता जितना टैक्स देती है, उससे जनता को ही सुविधाएं नहीं देंगे और सारी सुविधाएं अपने दोस्तों को देंगे, तो फिर जनता के साथ धोखा ही होगा।