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Hindi News दिल्ली उच्च न्यायालय ने गैर पंजीकृत निजी अस्पताल से कोविड-19 मरीजों को हटाने का निर्देश दिया

उच्च न्यायालय ने गैर पंजीकृत निजी अस्पताल से कोविड-19 मरीजों को हटाने का निर्देश दिया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से सुनिश्चित करने को कहा है कि एक निजी अस्पताल के कोविड-19 के मरीजों को दूसरी जगह भेजा जाए। 

HC asks Delhi govt to ensure removal of COVID-19 patients from de-registered private hospital- India TV Hindi Image Source : FILE HC asks Delhi govt to ensure removal of COVID-19 patients from de-registered private hospital

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से सुनिश्चित करने को कहा है कि एक निजी अस्पताल के कोविड-19 के मरीजों को दूसरी जगह भेजा जाए। प्रशासन ने आग लगने की घटना के बाद निजी अस्पताल का नाम सूची से हटा दिया था। दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय को अवगत कराया कि उजाला सिग्नस आर्थोकेयर हॉस्पिटल को पहले कोविड अस्पताल बनाया गया था लेकिन आग की घटना के कारण इसका नाम पंजीकरण से हटा दिया। इसलिए आगे उपचार के लिए इस अस्पताल का इस्तेमाल नहीं होगा। दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील संजय घोष ने बताया कि आग की घटना के कारण अस्पताल में नयी भर्ती नहीं की जा रही और कोविड-19 के मौजूदा मरीजों को दूसरे स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। 

न्यायमूर्ति नवीन चावला ने मंगलवार को दिए आदेश में कहा, 'उपरोक्त निवेदन के मद्देनजर प्रतिवादी नंबर एक (दिल्ली सरकार) सुनश्चित करे कि कोविड-19 के सभी मरीजों को अस्पताल से हटाया जाए।' उच्च न्यायालय ने सफदरजंग डेवलपमेंट एरिया (एसडीए) के आवासीय कल्याण समिति (आरडब्ल्यूए) की एक अर्जी पर यह आदेश दिया। इस संबंध में एक याचिका का पहले ही निपटारा कर दिया गया था । आरडब्ल्यूए तथा अन्य ने वकील अमन नांद्राजोग के जरिए याचिका दाखिल कर दिल्ली सरकार के 16 मई के एक आदेश को चुनौती दी थी। 

आदेश के तहत उजाला सिग्नस आर्थोकेयर हॉस्पिटल को 40 बेड के साथ कोविड-19 अस्पताल घोषित कर दिया गया था। याचिका में कहा गया था कि दिल्ली सरकार ने पड़ोस के निवासियों, बगल में स्थित धर्मशाला और स्थानीय टैक्सी स्टैंड पर आने जाने वाले लोगों के कल्याण के बारे में सोचे बिना यह आदेश जारी किया। उच्च न्यायालय ने चार जून को याचिका का निपटारा करते हुए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नोडल अधिकारी को आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों और इलाके के थाना प्रभारी के साथ बैठक कर रिहायशी कॉलोनियों से अस्पताल का संपर्क खत्म करने के लिए समाधान निकालने को कहा था।