A
Hindi News दिल्ली क्यूआर कोड, थर्मल स्कैनिंग के साथ दिल्ली हाईकोर्ट में 1 सितंबर से फिजिकल सुनवाई

क्यूआर कोड, थर्मल स्कैनिंग के साथ दिल्ली हाईकोर्ट में 1 सितंबर से फिजिकल सुनवाई

क्यूआर कोड स्कैनिंग प्रवेश प्रणाली और थर्मल स्कैनर के साथ, दिल्ली हाईकोर्ट एक सितंबर से मामलों की फिजिकल सुनवाई के लिए तैयार है। हाईकोर्ट रोटेशन आधार पर पांच पीठों में 1 सितंबर से फिजिकल सुनवाई करना शुरू करेगा।

With QR Codes, thermal scans, Delhi HC to start physical hearing from September 1st - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO With QR Codes, thermal scans, Delhi HC to start physical hearing from September 1st 

नई दिल्ली। क्यूआर कोड स्कैनिंग प्रवेश प्रणाली और थर्मल स्कैनर के साथ, दिल्ली हाईकोर्ट एक सितंबर से मामलों की फिजिकल सुनवाई के लिए तैयार है। हाईकोर्ट रोटेशन आधार पर पांच पीठों में 1 सितंबर से फिजिकल सुनवाई करना शुरू करेगा। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मनोज जैन ने एक बयान में कहा, 'यह आदेश दिया गया है कि इस कोर्ट की पांच पीठ रोटेशनल आधार पर एक सितंबर से फिजिकल सुनवाई शुरू करेंगी, जबकि अन्य पीठ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही मामलों की सुनवाई जारी रखेंगी।' रोस्टर के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पाटिल की अगुवाई में खंडपीठ एक और 2 सितंबर को फिजिकल सुनवाई करेगी।

रजिस्ट्रार जनरल मनोज जैन की ओर से जारी एक कार्यालय आदेश में कहा गया है कि उच्च न्यायालय में प्रत्यक्ष कामकाज फिर से शुरू करने के संबंध में विचार करते हुए अदालत के कामकाज के स्थगन को 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि एक से 30 सितंबर तक उच्च न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध सभी लंबित मामलों को क्रमशः तीन नवंबर से सात दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया जाएगा।

हाईकोर्ट सप्ताह में 5 दिन खुलेगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (27 अगस्त) को कहा कि उसकी 5 बेंच रोटेशन के आधार पर आगामी 1 सितंबर से मामलों की अदालत कक्ष में सुनवाई शुरू करेंगी और इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है। बता दें कि, कोरोना वायरस महामारी के कारण उच्च न्यायालय 24 मार्च से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई कर रहा है। अदालत ने कहा कि शेष पीठ डिजिटल तरीके से मामलों की सुनवाई करती रहेंगी। यह पहले ही स्पष्ट कर दिया जाएगा कि किस मामले की सुनवाई अदालत कक्ष में होगी और किस मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होगी। हालांकि, हाईकोर्ट सप्ताह में सभी पांचों दिन खुलेगा, लेकिन पीठ रोटेशन के आधार पर बैठेंगी।

एक पक्ष से एक वकील को प्रवेश

एसओपी के अनुसार सुनवाई में भाग लेने के लिए अदालत खंड में प्रत्येक पक्ष से केवल एक अधिवक्ता को प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा, किसी भी अधिवक्ता की ओर से वरिष्ठ वकील, वकीलों तक भारी फाइलें पहुंचाने के लिए पंजीकृत क्लर्क और किसी भी पार्टी या पक्ष के स्थायी या मनोनीत वकील को अनुमति दी जाएगी, जिनके मामले की सुनवाई उस दिन के लिए सूचीबद्ध है।

इन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं होगी

एसओपी के अनुसार किसी भी जूनियर, इंटर्न या वकीलों से संबद्ध छात्रों के अलावा वादियों के किसी संबंधी और गैर-पंजीकृत क्लर्कों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा फ्लू, बुखार और खांसी के लक्षण वाले लोगों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही ऐसे वकील, क्लर्क या वादी जिनकी उम्र लगभग 65 वर्ष है और किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें भी अदालत आने से बचना होगा। जिन लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी, उन्हें हर समय अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा, निर्धारित स्थानों पर थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा तथा प्रवेश के समय हाथों को साफ करना होगा। साथ ही छह फुट की दूरी का पालन करना होगा। एसओपी के अनुसार प्रत्येक कार्यदिवस में दोपहर बाद तीन बजे तक भवन को व्यापक साफ-सफाई के लिए सफाईकर्मियों को सौंप दिया जाएगा।

(इनपुट-IANS)