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Hindi News एजुकेशन ABVP ने आंध्र विश्वविद्यालय परिसर में मोदी पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रोका

ABVP ने आंध्र विश्वविद्यालय परिसर में मोदी पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रोका

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों ने आंध्र विश्वविद्यालय के परिसर में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रोक दी। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के सदस्यों ने 27 जनवरी को आंध्र विश्वविद्यालय परिसर में विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन किया था।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद विशाखापत्तनम पहुंच गया है और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों ने आंध्र विश्वविद्यालय के परिसर में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रोक दी। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के सदस्यों ने 27 जनवरी को आंध्र विश्वविद्यालय परिसर में विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन किया था। हालांकि, ABVP कार्यकर्ताओं का एक समूह रात 10 बजे परिसर में सातवाहन छात्रावास में घुस गया। और मांग की कि डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन बंद किया जाना चाहिए क्योंकि यह देश में प्रतिबंधित है। चश्मदीदों ने कहा कि इससे दोनों समूहों के समर्थकों के बीच मामूली झड़प हो गई। विश्वविद्यालय के आर्ट्स कॉलेज हॉस्टल के मुख्य वार्डन जी वीरराजू और पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद स्थिति को नियंत्रण में लिया गया।

एबीवीपी और एसएफआई समर्थकों के बीच झड़प

पीएम मोदी से जुड़ी विवादित डॉक्यूमेंट्री को लेकर एबीवीपी और एसएफआई समर्थकों के बीच झड़प भी हो गई। दरअसल एसएफआई चाहता था कि इसको कई इंस्टिट्यूट्स और विश्वविद्यालयों के परिसर में दिखाया जाए। लेकिन विवाद के बाद लगे बैन के बीच एबीवीपी कार्यकर्ता ऐसी जगहों को चिन्हित करने के बाद वहां पहुंच गए। चश्मदीदों ने कहा कि इससे दोनों समूहों के समर्थकों के बीच मामूली झड़प हो गई। विश्वविद्यालय के आर्ट्स कॉलेज हॉस्टल के मुख्य वार्डन जी वीरराजू और पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद स्थिति नियंत्रण में आ पाई।

SFI ने कहा- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हित में दिखाई जानी थी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री 

ABVP के आयोजन सचिव जी. सुब्बाराजू ने कहा कि हालांकि डॉक्यूमेंट्री देश में प्रतिबंधित है, SFI इसे विश्वविद्यालय परिसर में दिखाना चाहता था, परिसर में इस तरह की घटनाएं न हो इसके लिए कुलपति को एक याचिका दी जाएगी। हालांकि, SFI सदस्यों ने दावा किया कि वह प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं हैं, और यह स्क्रीनिंग इस देश के लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हित में आयोजित की गई थी।

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