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Hindi News एजुकेशन गए वो दिन! अब इस क्लास के फेल बच्चे नहीं किए जाएंगे प्रमोट, दोबारा देने पड़ेंगे एग्जाम

गए वो दिन! अब इस क्लास के फेल बच्चे नहीं किए जाएंगे प्रमोट, दोबारा देने पड़ेंगे एग्जाम

अब अगल 5वीं-8वीं के छात्र वार्षिक परीक्षा में फेल होते हैं तो वे प्रमोट नहीं किए जाएंगे। उन्हें बस एक मौका दिया जाएगा ताकि वे दोबारा परीक्षा दे सकें। अगर फिर भी पास नहीं होते तो उन्हें उसी कक्षा में पढ़ना होगा।

failed student- India TV Hindi Image Source : PTI 5वीं-8वीं के फेल छात्र फेल होने पर अब अगली कक्षा में प्रमोट नहीं होंगे।

अब वो दिन जाने वाले हैं जब स्कूलों में नियम था कि छोटे बच्चों को फेल होने के बावजूद अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था। अब से स्कूलों में नए एकेडमिक सेशन 2023-24 से 5वीं और 8वीं के छात्र वार्षिक परीक्षा में फेल होने पर प्रमोट नहीं होंगे। ध्यान दें कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले आर्थिक पिछड़ा वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों पर भी ये नियम लागू होगा। इस संबंध में दिल्ली शिक्षा निदेशालय (directorate of education) के प्राइवेट स्कूल ब्रांच ने एक सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में कहा गया है कि अगर छात्र सालाना एग्जाम में फेल होते हैं तो उन्हें उसी कक्षा में पढ़ना होगा। सर्कुलर में ये सूचना सभी प्राइवेट स्कूलों को छात्रों के पैरेंट्स को देने को कहा गया है।

ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए समिति गठित

सर्कुलर के मुताबिक, नए एकेडमिक सेशन में 5वीं और 8वीं के छात्रों के रेगुलर एग्जाम होंगे। अगर छात्र एग्जाम में फेल होते हैं तो उन्हें 2 महीने में दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। अगर उसमें भी पास नहीं होते हैं तो छात्र को जरूरी दोहराव कैटेगरी में डाला जाएगा और अगले सेशन में छात्र को उसी कक्षा में पढ़ना होगा। सर्कुलर में आगे लिखा गया कि अगर आर्थिक पिछड़ा वर्ग/वंचित वर्ग और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के पैरेंट्स/अभिभावकों को एग्जाम के संबंध में कोई शिकायत है तो उसके लिए वह संबंधित जिले से संपर्क कर सकते हैं। इसे लेकर एक शिकायत कमेटी का गठन भी किया गया है। इस कमेटी में उप शिक्षा निदेशक अध्यक्ष और तीन सदस्य होंगे जो अभिभावकों की शिकायतों का निपटारा करेंगे।

सरकारी स्कूल में होंगे ऐसे बच्चों के एडमिशन

अगर कमेटी को जांच के दौरान लगता है कि छात्र को जानबूझकर फेल किया गया है तो स्कूल को इस संबंध में निर्देशित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त छात्र को दोबारा एग्जाम देने/ पुन: चेकिंग करने का अवसर भी मिलेगा। अगर फिर भी छात्र फेल होते हैं तो उसे जरूरी दोहराव की कैटेगरी में रखा जाएगा। ऐसे में संबंधित जिले के उप शिक्षा निदेशक शिक्षा के अधिकार के तहत ऐसे बच्चों के एडमिशन सरकारी स्कूल में सुनिश्चित करवाएंगे।

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