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उप्र में कांग्रेस कमर कस कर तैयार, दलित वोटरों को लामबंद करने के 'डोर टू डोर' अभियान शुरू

उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन वापस पाने का प्रयास कर रही कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा दलित वोटरों को अपने पक्ष में करने के मकसद से 'डोर टू डोर' अभियान शुरू किया है।

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उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन वापस पाने का प्रयास कर रही कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा दलित वोटरों को अपने पक्ष में करने के मकसद से 'डोर टू डोर' अभियान शुरू किया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग की ओर गठित 'टीम यूपी' ने कुछ दिनों पहले ही पंचायत स्तर पर यह मुहिम शुरू की है। इसके तहत दलित परिवारों से सीधा संवाद किया जा रहा है। इसके लिए पूरे प्रदेश में विधानसभा एवं पंचायत स्तर पर समितियां भी गठित की गई हैं जिनमें दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है। ये समितियां 'टीम यूपी' के साथ समन्वय बिठाकर 'डोर टू डोर' अभियान में लगी हुई हैं। 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश पर अनुसूचित जाति विभाग ने जमीनी स्तर पर पार्टी की मदद के लिए हाल ही में 35 सदस्यीय ''टीम यूपी'' का गठन किया था। ''टीम यूपी'' की अगुवाई कर रहे कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय सचिव एस पी सिंह ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ''हमारी टीम ने विधानसभा एवं पंचायतों के स्तर पर समितियां गठित कर दी हैं। कुछ दिनों पहले ही कई जगहों पर हमारा डोर टू डोर अभियान शुरू हो गया।'' उन्होंने कहा, ''हम दलित परिवारों से सीधा संपर्क कर उन्हें समाज के सशक्तिकरण के लिए अब तक किये गए कांग्रेस के कार्यों से अवगत कराने के साथ ही उन्हें मौजूदा सरकार से संविधान के खतरे को लेकर भी आगाह कर रहे हैं।'' 

इस बीच, पार्टी ने यह भी योजना बनाई है कि जिन लोकसभा क्षेत्रों में बसपा के उम्मीदवार नहीं हैं वहां दलित वोटरों के बीच बड़े पैमाने पर जनसंपर्क अभियान चलाए जाए ताकि इसका सीधा फायदा कांग्रेस को हो सके। सिंह का कहना है, ''जहां बसपा चुनाव लड़ रही है वहां भी हमारा अभियान चलेगा, लेकिन जहां इसके उम्मीदवार नहीं हैं वहां हमारे लिए ज्यादा बेहतर मौका है। जहां दलित वोटरों के पास सपा, भाजपा और कांग्रेस विकल्प के तौर पर होंगे तो हमारा विश्वास है कि दलित समाज की पहली पसंद हम होंगे।'' सिंह के मुताबिक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की नगीना, सहारनपुर, बिजनौर और कई अन्य सीटों पर दलित वोटरों के बीच जनसम्पर्क अभियान शुरू हो चुका है।