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लोकसभा चुनाव: पश्चिम बंगाल में इन मुद्दों पर चुनाव लड़ रही हैं भाजपा और तृणमूल

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जी जान से NRC का विरोध करने का वादा किया है।

Mamata Banerjee and Amit Shah | PTI File- India TV Hindi Mamata Banerjee and Amit Shah | PTI File

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में एक-दूसरे को कड़ी चुनौती दे रहीं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए लोकसभा चुनावों राष्ट्रीय नागरिक पंजी, नागरिकता (संशोधन) विधेयक और घुसपैठ प्रमुख मुद्दा हैं। रोजगार सृजन, अल्पसंख्यकों को रिझाना, भ्रष्टाचार, केंद्र में अगली सरकार बनाने में तृणमूल कांग्रेस की भूमिका, बालाकोट हवाई हमलों की सच्चाई भी महत्वपूर्ण मुद्दे बनकर सामने आए हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह फिर से सत्ता में आने पर देशभर में खासतौर से पश्चिम बंगाल में एनआरसी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक लागू करने पर लगातार जोर देते रहे हैं। 

दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जी जान से इसका विरोध करने का वादा किया है। एनआरसी तब विवादों में आया जब दशकों से असम में रह रहे करीब 40 लाख लोगों के नाम 2018 में जारी अंतिम मसौदे से पूरी तरह हटा दिए गए। बनर्जी लगातार दावा करती रही हैं कि एनआरसी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक असल में भारतीय नागरिकों को ही शरणार्थी बना देगा। शाह ने गुरुवार को राज्य में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए घुसपैठ का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों को ‘दीमक’ बताया।

एनआरसी, नागरिकता (संशोधन) विधेयक और घुसपैठ के मुद्दे की गूंज राज्य में जमीनी स्तर पर भी सुनाई दे रही है। बड़ी संख्या में शरणार्थियों के प्रवेश करने और विभाजन के बाद से लगातार घुसपैठ के कारण ये मुद्दे निकले हैं। टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘हम जनता के पास यह संदेश लेकर जा रहे हैं कि एनआरसी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक लोगों पर कैसे असर डालेगा और कैसे भाजपा उन्हें इन मुद्दों पर भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है और हम शरणार्थी नहीं बनना चाहते।’

भारत-बांग्लादेश सीमा के समीप संसदीय सीटों जैसे कि राजगंज, कूचबिहार, बालुरघाट, मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, ब्रह्मपुर, मुर्शिदाबाद, जलपाईगुड़ी, जयनगर, बशीरहाट, बनगांव में मुस्लिम आबादी काफी तादाद में है। टीएमसी की राज्य में अल्पसंख्यक मतदाताओं पर अच्छी पकड़ है और वह यह प्रचार कर रही है कि कैसे भाजपा एनआरसी के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो वह अवैध मदरसों के खिलाफ कदम उठाएगी और राज्य में रिझाने वाला कोई कदम नहीं उठाएगी।

पार्टी ने सारदा और रोज वैली चिट फंड घोटालों और नारद स्टिंग ऑपरेशन के बाद भ्रष्टाचार को भी प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है। वहीं, राज्य में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही माकपा और कांग्रेस रोजगार सृजन तथा किसानों की कर्ज माफी के मुद्दों पर जोर दे रहे हैं।