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Hindi News चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज Karnataka Result: करारी शिकस्त पर बोले कर्नाटक के पूर्व सीएम शेट्टार- पूरी BJP का टारगेट था मुझे हराना, खुद भी हार गए

Karnataka Result: करारी शिकस्त पर बोले कर्नाटक के पूर्व सीएम शेट्टार- पूरी BJP का टारगेट था मुझे हराना, खुद भी हार गए

कर्नाटक चुनाव में अपनी हार पर जगदीश शेट्टार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होने कहा कि इस हार में धन-बल ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जगदीश शेट्टार- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जगदीश शेट्टार

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को जब विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया तो उन्होंने कांग्रेस में जाकर चुनाव लड़ा था। लेकिन जगदीश शेट्टार को जनता ने दल-बदल करने की बड़ी सजा दे दी और वह हुबली-धारवाड़ (मध्य) सीट पर 34,289 मतों के अंतर से हार गए। अब अपनी हार पर जगदीश शेट्टार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होने कहा कि इस हार में धन-बल ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

"बीजेपी उम्मीदवार ने वोटरों को पैसे बांटे"
अपनी हार पर शेट्टार ने कहा कि हार में धन-बल ने बहुत भूमिका निभाई है और साथ ही वोटरों के बीच प्रेशर टेक्टिक से भी मेरी हार हुई है। शेट्टार ने कहा, "पिछले 6 बार के चुनावों में मैंने कभी धन-बल का प्रयोग नहीं किया, कभी मतदाताओं को पैसे नहीं बांटे। ये पहली बार है जब बीजेपी उम्मीदवार ने वोटरों को पैसे बांटे हैं।" 

"मैंने जहां भी प्रचार किया, वहां कांग्रेस जीती"
शेट्टार ने कहा कि बीजेपी की इसी धन-बल वाली रणनीति की वजह से मेरी हार हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले एक हफ्ते से मैं ये कहता रहा कि पूरे राज्य में कांग्रेस पूर्ण बहुमत लाएगी और उत्तर कर्नाटक में जहां-जहां मैं चुनाव प्रचार के लिए गया, वहां से सभी कांग्रेस प्रत्याशी जीते हैं। इतना ही नहीं, जिन इलाकों में मैं नहीं भी गया वहां भी लिंगायत समुदाय से आने वाले कांग्रेस के कैंडिडेट जीते हैं। 

BJP का टारगेट था मुझे हराना, खुद भी हार गई
शेट्टार ने कहा कि मनी पॉवर कुछ भी बदल सकता है। धन-बल बहुत प्रभावशाली होता है और दबाव की रणनीति से भी फर्क पड़ता है। उन्होंने कहा, "बीजेपी में सबका टारगेट था जगदीश शेट्टार को हराना, लेकिन नतीजा ये हुआ कि वे खुद कर्नाटक हार गए। BJP राज्य में सिमट कर 65 सीटों पर आ गई। ये ना सिर्फ उनके राज्य के नेताओं बल्कि, राष्ट्रीय नेताओं के लिए भी बड़ा झटका है। उन्हें क्या मिला, जगदीश शेट्टार को हराना ही एकमात्र मकसद था क्या।"

भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए थे शेट्टार
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शेट्टार ने 16 अप्रैल को भाजपा छोड़ दी थी और विधानसभा चुनाव के लिए टिकट से वंचित होने के बाद हुबली-धारवाड़ (मध्य) के विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था। शेट्टार ने 2018 के विधानसभा चुनाव में हुबली-धारवाड़ (मध्य) सीट जीती थी, उन्होंने कांग्रेस के महेश नलवाड़ को 21,306 मतों के अंतर से हराकर विधानसभा चुनाव में अपनी छठी जीत दर्ज की थी। आरएसएस के एक कट्टर कार्यकर्ता, शेट्टार पार्टी से नाता तोड़ने से पहले कई दशकों तक जनसंघ और भाजपा का हिस्सा थे।

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