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कपूर खानदान की इकलौती विदेशी बहू थी जेनिफर कैंडल, शादी से पहले शशि कपूर को गे समझने लगी थी

जेनिफर कैंडल से शशि कपूर की पहली मुलाकात एक नाटक के दौरान हुई थी। पहली नजर में ही कैंडल शशि कपूर को भा गई।

jennifer- India TV Hindi Image Source : GOOGLE jennifer

आज वेटरन फिल्म अभिनेता शशि कपूर Shashi Kapoor की पत्नी औऱ रंगमंच कर्मी जेनिफर कैंडल की पुण्यतिथि Death Anniversary  है। जेनिफर कपूर खानदान की इकलौती विदेशी बहू होने के साथ साथ थिएटर की बेमिसाल अदाकारा थी। जेनिफर उम्र में शशि कपूर से तीन साल बड़ी थी लेकिन कोलकाता में जब वो एक थिएटर के दौरान शशि कपूर से मिली तो उन दोनों के बीच प्रेम परवान चढ़ा। 

कुछ मुलाकातों में दोनों एक दूसरे के लिए प्रतिबद्ध हो गए। लेकिन शर्मीले शशि कपूर को देखकर एक समय जेनिफर उन्हें गे समझने लगी थी। शशि कपूर ने खुद अपनी किताब पृथ्वीवालाज में लिखा है कि चूंकि जेनिफर पश्चिमी सभ्यता से थी और इस लिहाज से सबसे हाथ मिलाकर, गले लगकर बातें करती थी, मैं इस तरह के व्यवहार से शर्माता था..वो मुझे गे समझने लगी थी। लेकिन बाद में उसे अहसास हुआ कि भारतीय सभ्यता में ये सब कम चलता है।

जेनिफर के पिता और उस समय के प्रख्यात थिएटर ग्रुप शेख्सपिरियन ग्रुप के मालिक गोफरे कैंडल नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी किसी हिंदुस्तानी से शादी करें। लेकिन कुछ ही मुलाकातों के बाद शशि कपूर की दीवानी हो चुकी कैंडल ने पिता की एक नहीं सुनी। पिता का आदेश था कि शशि कपूर से विवाह किया तो शेख्सपिरियन ग्रुप छोड़ना पड़ेगा। कैंडल ने प्यार की खातिर ग्रुप छोड़ा और शशि कपूर से विवाह कर लिया।

दोनों ने कई फिल्मों में साथ साथ काम किया और पृथ्वी थिएटर को भी बढ़ावा देते रहे। कैंडल सही मायनों में कपूर खानदान से केवल शशि कपूर और कैंडल ही थे जो काफी सालों तक थिएटर को बढ़ावा देने के काम करते रहे। इस कपल के तीन बच्चे हैं, कुणाल कपूर, करण कपूर और संजना कपूर।

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कहते हैं कि जब पृथ्वी थिएटर डूब रहा था तो कपूर फैमिली में सिर्फ शशि कपूर ही थे जो जैनिफर के कहने पर आगे आए और उन्होंने इस विरासत को संवारा। उन्होंने अपने पैसे से जमीन खरीद कर पृथ्वी थिएटर को नए सिरे से संभाला और वो मुंबई का इकलौता थिएटर बन गया जिसे देखने के लिए बडे़ बड़े लोग आते थे। खुद थिएटर से जुड़ी होने के कारण जैनिफर ने वहां कई मशहूर शो कराए। जेनिफर ही थी जिन्होंने लापरवाह कहे जाने वाले शशि कपूर को एक व्यवस्थित और पारिवारिक आदमी बना दिया। शादी के समय बेरोजगार शशि कपूर के पास शादी के  बाद इतनी फिल्में हो गई कि लोग उन्हें टेक्सी (दिन भर शिफ्ट करने वाला) बुलाने लगे थे।

1982 में कैंसर के चलते कैंडल का निधन हो गया। उस समय शशि कपूर टूट गए थे क्योंकि वो भावनात्मक रूप से कैंडल से इतना जुड़ चुके थे कि उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रमों में शिरकत करना छोड़ दिया। 

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