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'देवदास', 'पद्मावत' जैसी फिल्मों के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने नाम के साथ क्यों जोड़ा मां का नाम

संजय लीला भंसाली के जन्मदिन पर जानिए क्यों अपने नाम के साथ वो जोड़ते हैं मां का नाम।

 संजय लीला भंसाली- India TV Hindi देवदास के सितारों के साथ संजय लीला भंसाली

बॉलीवुड के निर्देशक संजय लीला भंसाली ऐसे फिल्मकार हैं कि बॉलीवुड की एक्ट्रेसेस उनकी फिल्मों में हीरोइन बनने के लिए तरसती हैं। भंसाली की फिल्में ज्यादातर नायिका प्रधान ही होती हैं, उनकी फिल्मों में महिलाओं का स्थान काफी ऊंचा और जरूरी होता है। चाहे 'बाजीराव मस्तानी' हो, 'पद्मावत' हो, 'हम दिल दे चुके सनम' हो या फिर 'देवदास'। सिर्फ फिल्मों में ही नहीं उनकी जिंदगी में भी कुछ ऐसा ही है, तभी तो संजय भंसाली ने अपने साथ अपनी मां का नाम जोड़ा और बन गए संजय लीला भंसाली। इसकी भी एक खास वजह है, आइए उनके जन्मदिन पर हम आपको संजय लीला भंसाली से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं।

संजय लीला भंसाली 24 फरवरी 1963 को मुंबई में पैदा हुए। संजय आज 57 साल के हो गए। भंसाली ने अपने बॉलीवुड करियर में जितनी भी फिल्में बनाई हैं उनमें से ज्यादातर सुपरहिट रही हैं। संजय लीला भंसाली ना सिर्फ अच्छे स्क्रिप्ट राइटर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर हैं, बल्कि अच्छे म्यूजिक कंपोजर भी हैं। उनकी फिल्मों के सेट और कॉस्ट्यूम बहुत भव्य होते हैं।

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संजय लीला भंसाली ने मुंबई के लाला लाजपतराय कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट से फिल्म मेकिंग का कोर्स किया। साल 1999 में संजय लीला भंसाली ने एसएलबी फिल्म्स नाम से प्रोडक्शन हाउस शुरू किया।

असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर संजय लीला भंसाली ने फिल्म 'परिंदा' में काम किया। इसके बाद उन्होंने निर्देशक के तौर पर 'खामोशी', 'ब्लैक' जैसी गंभीर फिल्में बनाई, 'हम दिल दे चुके सनम' 'गोलियों की रास लीला रामलीला' बनाई, 'देवदास', 'बाजीराव मस्तानी' और 'पद्मावत' जैसी हिट और ऐतिहासिक फिल्में बनाईं।

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संजय लीला भंसाली आज जिस जगह हैं कई साल पहले उन्होंने सोचा भी नहीं होगा वो इस मुकाम तक पहुंचेंगे। पिता भी उनके फिल्मों से जुड़े थे लेकिन शराब की लत ने उन्हें खत्म कर दिया। इसके बाद मां ने ही संभाला, साड़ी में फॉल लगाने का काम करती थीं और बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाया लिखाया भी। 

मां के प्रयास से संजय लीला भंसाली ने पढ़ाई पूरी की, और इसके बाद पुणे के एफटीआईआई गए। वहां से निकलने के बाद विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म 'परिंदा' में असिस्टेंट डायरेक्टर बनने का मौका मिला। इस फिल्म में जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित जैसे सितारे थे। यह फिल्म सुपरहिट रही और फिल्म को 5 फिल्मफेयर मिले। जिसमें बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट एक्टर, बेस्ट को-एक्टर के अवॉर्ड भी शामिल हैं। जब इस फिल्म के क्रेडिट तय किए जा रहे थे तो संजय ने कहा कि वो अपना नाम संजय लीला भंसाली रखना चाहते हैं क्योंकि ये उनकी मां का नाम है और आज वो जहां पहुंचे हैं इसमें बहुत बड़ा रोल उनकी मां का है। संजय अपने नाम के साथ अपनी मां का नाम आशीर्वाद की तरह जोड़ते हैं।

मां के साथ संजय लीला भंसाली

बतौर निर्देशक संजय लीला भंसाली ने पहली फिल्म खामोशी बनाई। यह फिल्म नहीं चली लेकिन संजय लीला भंसाली की खूब तारीफ हुई। संजय को कामयाबी मिली सलमान खान, अजय देवगन और ऐश्वर्या राय की फिल्म हम दिल दे चुके सनम से। यह फिल्म और इस फिल्म के गाने सुपरहिट हुए। 

3 साल बताद ऐश्वर्या को लेकर संजय लीला भंसाली ने देवदास बनाई। यह फिल्म भी खूब पसंद की गई। देवदास के नाम से इस विषय पर पहले भी फिल्में बन चुकी हैं इसलिए उस वक्त दूसरी फिल्मों से इसकी तुलना भी हुई। इस फिल्म के मेकिंग में 50 करोड़ खर्च हुए जो उस वक्त की सबसे महंगी फिल्म थी। उस फिल्म ने 100 करोड़ का बिजनेस किया फिल्म का संगीत भी सुपरहिट हुआ। देवदास को 10 फिल्मफेयर और 5 नेशनल अवॉर्ड मिले थे। उस वक्त दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे 10 फिल्मफेयर के साथ टॉप पर थी जिसे देवदास ने बराबर कर दिया। अगले साल रिलीज हुई ब्लैक ने 11 फिल्मफेयर जीतते हुए उस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया।

संजय लीला भंसाली की अगली फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी है, आलिया भट्ट इस फिल्म में लीड रोल निभा रही हैं।

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