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Hindi News गुजरात पटाखे बेचने से शुरुआत करने वाले भूपेंद्र पटेल आज दूसरी बार लेंगे सीएम पद की शपथ, जानिए उनके बारे में

पटाखे बेचने से शुरुआत करने वाले भूपेंद्र पटेल आज दूसरी बार लेंगे सीएम पद की शपथ, जानिए उनके बारे में

गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है। 182 सदस्यीय सदन में बीजेपी ने रिकॉर्ड 156 सीटें जीतकर लगातार सातवीं बार जीत दर्ज की है। शनिवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक में भूपेंद्र पटेल को एक बार फिर नेता चुना गया।

भूपेंद्र पटेल - India TV Hindi Image Source : FILE भूपेंद्र पटेल

गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सत्ता बनाए रखी। विधानसभा चुनावों में पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। बीजेपी ने 182 156 सीटों पर विजय हासिल की। इतिहास में इतनी ज्यादा सीटें अभी तक किसी एक दल ने नहीं जीती थीं। यहां तक बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे नरेंद्र मोदी ने भी नहीं। इस बार यह कारनामा कर दिखाया प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने, जोकि आज एक बार फिर प्रदेश के सीएम के रूप में शपथ लेंगे। उनके शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे। 

नगरपालिका सदस्य के रूप में शुरू हुआ था राजनीतिक जीवन 

प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने से पहले तक भूपेंद्र पटेल लाइमलाइट में नहीं रहते थे। उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत नगरपालिका सदस्य के रूप में हुई थी। पटेल ने अहमदाबाद के दरियापुर क्षेत्र में पटाखों के विक्रेता के रूप में अपना व्यापार शुरू किया। इसके बाद एक सफल बिल्डर के रूप में अपनी पहचान बनाई। वे कई बार मेमनगर पालिका के सदस्य रहे। भूपेंद्र पटेल अहमदाबाद नगर निगम में उपाध्यक्ष भी रहे। इसके बाद 2010 से 2015 तक थलतेज वार्ड के पार्षद रहे। इसके साथ ही 2010 से 2015 तक अहमदाबाद नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन भी रहे। पार्टी ने 2015 में उन्हें अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया। वे दो साल तक इसके अध्यक्ष भी रहे। 

Image Source : fileभूपेंद्र पटेल

आनंदी बेन पटेल ने सुझाया था नाम 

साल 2017 में आनंदी बेन पटेल सक्रिय राजनीति से दूर हो गईं। उन्हें मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया तो पार्टी ने उनके सुझाव पर भूपेंद्र पटेल को उनकी सीट का उत्तराधिकारी चुना। पार्टी ने उन्हने घटलोदिया सीट से टिकट दिया और 2017 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को 1 लाख से भी ज्यादा वोटों से पराजित किया। 2017 के चुनाव में यह सबसे ज्यादा विनिंग मार्जिन यानी जीत का सबसे बड़ा अंतर था। उनका यह पहला ही विधानसभा चुनाव था और पहली बार में ही उन्होंने रिकॉर्ड बना दिया था। 

पिछले वर्ष जब विजय रूपानी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया तब किसी को भी अंदाजा नहीं था कि आलाकमान भूपेद्र को चुनेगा। कहा जाता है कि जब प्रदेश मुख्यालय में  केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र तोमर ने भूपेंद्र पटेल के नाम का ऐलान किया था तब कुछ देर तो कार्यकर्ता उन्हें ढूंढने लगे थे।