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Hindi News गुजरात अहमदाबाद: अफवाह निकली पिरणा गांव के लोगों मास माइग्रेशन की खबर, Tweet ने मचा दिया था तहलका

अहमदाबाद: अफवाह निकली पिरणा गांव के लोगों मास माइग्रेशन की खबर, Tweet ने मचा दिया था तहलका

पुलिस ने इस खबर को फ़ैलाने वाले नासिर शैख़ को धरदबोचा जिसके बाद नासिर ने फेसबुक पर अपना वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में उसने अपने द्वारा फैलाई गई इस गलत खबर के लिए माफी मांगी है।

<p>अहमदाबाद: अफवाह...- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE अहमदाबाद: अफवाह निकली पिरणा गांव के लोगों मास माइग्रेशन की खबर, Tweet ने मचा दिया था तहलका

अहमदाबाद: हाल ही में अहमदाबाद में एक बड़ी खबर ने तहलका मचा दिया था जिसके अनुसार अहमदाबाद जिले के पिरणा में स्थित दरगाह को लेकर लोगों ने हिजरत होने की बात सामने आई थी। इसके बाद इंडिया टीवी संवादददाता ने खुद जाकर पड़ताल की है। बता दें कि ये मामला एक ट्वीट से शुरू हुआ था जिसमें ये लिखा गया था कि अहमदाबाद से 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित पिरणा गांव के लोगों को हिन्दू आतंकियों की वजह से मास माइग्रेशन करना पड़ा है। जिसके बाद तुरंत ही पुलिस ने स्थल पर पहुंचकर जांच की तो सामने आया की ट्वीट की हुई ये खबर सरासर गलत है।

पड़ताल के अनुसार ये पूरा मामला पिरणा की हजरत इमाम शाह बावा दरगाह शरीफ में दिवार बनाने को लेकर है। अहमदाबाद जिले के दासक्रोई तालुका के पिरणा के पास हिन्दू मुस्लिम दोनों की श्रद्धा सामान दरगाह स्थित है। निष्कलंकित नारायण मंदिर और मस्जिद के बिच में पिछले 13 सालों से फेंसिंग था। पुराना होने पर इस फेंसिंग की हालत काफी बुरी हो गई थी जिसके कारण पिछले 2 साल से दिवार बनाने के लिए प्रयास चल रहे थे लेकिन इसमें मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा था। जहां फेंसिंग था वहां पर 15 फीट जगह मुस्लिम समाज के लिए रख कर फेंसिंग को यथावत रखा गया और मंदिर की जगह में दिवार बनने का काम पूरा किया गया।

आपको बता दें कि हिन्दू मुस्लिम दोनों के लिए श्रद्धा का केंद्र दरगाह इमाम शह बावा संस्था ट्रस्ट द्वारा संचालित है। जिस ट्रस्ट में 8 हिन्दू और 3 मुस्लिम सदस्य है। दरगाह के आसपास फेंसिंग के बदले पक्की दिवार बनाने को लेकर ट्रस्ट के लोगों में ही विरोधाभास है लेकिन बहुमत के आधार पर इस दरगाह के आसपास पक्की दिवार बनाने का काम शुरू करने हेतु लीगल परमिशन मिल गई थी। लेकिन इसको लेकर मुस्लिम समाज द्वारा अभी भी विरोध किया जा रहा है जिसका विरोध प्रदर्शन करने हेतु मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने कलेक्टर ऑफिस तक पदयात्रा की थी जिसे नासिर ने हिजरत का नाम देकर धार्मिक भावनाओं को अलग ही स्वरुप दे दिया।

पुलिस ने इस खबर को फ़ैलाने वाले नासिर शैख़ को धरदबोचा जिसके बाद नासिर ने फेसबुक पर अपना वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में उसने अपने द्वारा फैलाई गई इस गलत खबर के लिए माफी मांगी है।