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Hindi News गुजरात 500 से ज्यादा छात्रों को गैर कानूनी रूप से भेजा विदेश, GRE की परीक्षा पास कराने का चला रहे थे स्कैम; 3 गिरफ्तार

500 से ज्यादा छात्रों को गैर कानूनी रूप से भेजा विदेश, GRE की परीक्षा पास कराने का चला रहे थे स्कैम; 3 गिरफ्तार

गुजरात साइबर क्राइम ने विदेश जाने के लिए फर्जी GRE का एग्जाम करवाने वाले गिरोह के लोगों को धर दबोचा है। ये लोग अभी तक 500 से ज्यादा छात्रों को फर्जी तरीके से विदेश भेज चुके हैं।

gre scam - India TV Hindi Image Source : INDIA TV गुजरात साइबर क्राइम ने तीन को किया गिरफ्तार

अमेरिका जाने के लिए ग्रेजुएट रिकार्ड एग्जामिनेशन यानी GRE की परीक्षा पास करवाने के एक स्कैम का पर्दाफाश हुआ है। इस रेकेट में शामिल तीन आरोपियों को साइबर क्राइम ने धर दबोचा है। इन अपराधियों ने वोईस इमीग्रेशन इंडिया के नाम से 500 से अधिक विद्यार्थियों को परीक्षा पास करवा कर गैर कानूनी रूप से विदेश भेजा है। अहमदाबाद के एक युवक के साथ GRE पास करवाने में ठगी होने बाद ये पूरा स्कैम सामने आया है।
 
GRE की परीक्षा के नाम पर करते थे स्कैम
सामने आया है कि अपराधी महेश्वरा रेडी, सागर हीराणी और चंद्रशेखर उर्फ़ राहुल करलपुडी ने वोईस इमीग्रेशन इंडिया के नाम से एक कंपनी बनाई और पढ़ाई के लिए विदेश जाने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्जाम के नाम से स्कैम किया। बापूनगर के मौलिक मकवाणा नाम के युवक को स्टडी के लिए अमेरिका जाना था जिसके लिए उसे GRE की परीक्षा पास करनी अनिवार्य थी, जिसके लिए उसने गूगल पर सर्च किया, जहां उसे वोईस इमीग्रेशन इंडिया नाम की वेबसाइट मिली। इस युवक को अपराधियों ने GRE की परीक्षा पास करवाने की लालच देकर सूरत की एक होटल में बुलाया था। साइबर क्राइम को इस स्कैम की जानकारी मिलने पर पुलिस ने रेड कर इस गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।

500 से ज्यादा विद्यार्थियों को परीक्षा दिलवाई
पकड़े गए आरोपियों में चंद्रशेखर उर्फ़ राहुल मुख्य सूत्रधार है। बी.टेक का अभ्यास करने वाला आरोपी पिछले 20 साल से वड़ोदरा में रहता है और पिछले एक साल से विदेश में अभ्यास करने के लिए जाने TOEFL और GRE की परीक्षा पास करने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को होटल में एग्जाम के लिए सेटअप देकर, डमी लोग रख कर परीक्षा पास करवाते थे। आरोपियों ने अलग-अलग एजेंट के द्वारा 500 से ज्यादा विद्यार्थियों को परीक्षा दिलवाई है।

आरोपी कैसे करते थे स्कैम?
जांच में पता चला है कि अपराधी चंद्रशेखर एक विद्यार्थी से 35 हज़ार का कमीशन लेता था। जब कि महेश्वरा रेड्डी मूल रूप से आंध्र प्रदेश का रहने वाला है और उसने BSC की पढ़ाई की है। दो महीने पहले ही वो आंध्र प्रदेश से वड़ोदरा आया है। ये अपराधी विद्यार्थियों की फीस अपने गूगल पे अकाउंट में लेकर अलग-अलग होटल्स में विद्यार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा के प्रश्नों के जवाब चंद्रशेखर से व्हाट्सएप पर लेकर लैपटॉप को ब्लूटूथ से कनेक्ट कर ऑनलाइन परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों को देकर चीटिंग करता था।

हर छात्र से लेते थे इतना कमिशन
ये लोग एक दिन में दो से तीन विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए बुलाते थे। हफ्ते में तीन बार परीक्षा का सेटअप सेट किया जाता था। इस सेटअप के लिए महेश्वरा एक विद्यार्थी से 4000 का कमीशन लेता था। इसके बाद तीसरा अपराधी सागर हीराणी जो कि खुद बेचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग आईटी की पढ़ाई कर चुका है, वो 2020 से सूरत के मोटा वराछा में वोईस इमीग्रेशन के नाम से ऑफिस खोल कर स्टूडेंट वीज़ा और विसिटर वीज़ा की कंसल्टेंसी चलाता है। ये पिछले एक साल से GRE की परीक्षा का रजिस्ट्रेशन करवाकर परीक्षा पास करवाने का काम करता है, जो कि प्रति विद्यार्थी 15 हज़ार रुपये का कमिशन लेता था। पिछले एक साल में उसने 15 विद्यार्थियों को परीक्षा दिलवाई है।

500 से ज्यादा छात्रों को भेजा विदेश 
इतना ही नहीं इनसे GRE की परीक्षा पास कर विदेश पहुंचने वाले विद्यार्थियों का डाटा भी साइबर क्राइम टीम ने ले लिया है। अब तक 500 से अधिक विद्यार्थी स्टडी के लिए US, UK, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया गए हैं। साइबर क्राइम ने इन तीनों अपराधियों को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू की है। इन आरोपियों से इस स्कैम में उपयोग हुए 5 लैपटॉप, 3 सीपीयू और 7 मोबाइल भी जब्त किये है और इस स्कैम से जुड़े अन्य आरोपियों को ढूंढने के लिए भी पुलिस काम कर रही है।

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