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Hindi News गुजरात 'कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का केवल नारा दिया, लेकिन इसे हटाने के लिए कोई ठोस काम नहीं किया'- पीएम मोदी

'कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का केवल नारा दिया, लेकिन इसे हटाने के लिए कोई ठोस काम नहीं किया'- पीएम मोदी

गुजरात विधानसभा की कुल 182 सीट में से 89 सीट पर पहले चरण में बृहस्पतिवार को मतदान हुआ। शेष 93 सीट पर पांच दिसंबर को दूसरे चरण में मतदान होगा। वहीं 8 दिसंबर को मतगणना होगी।

पीएम मोदी- India TV Hindi Image Source : TWITTER पीएम मोदी

गुजरात चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले प्रदेश में चुनावी प्रचार और तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार का जिम्मा अपने कंधो पर उठा रखा है। वे जमकर रोड शो और रैलियां कर रहे हैं। इसी क्रम में आज गुरूवार को उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि, कांग्रेस ने गरीबी हटाने के नाम पर गरीबी को बढ़ाया।

पीएम मोदी ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी के शासन में वास्तव में गरीबी बढ़ी थी। इन्होने केवल नारे लगाए और कोई ठोस काम करने के बजाय देश को गुमराह किया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘दशकों से कांग्रेस एक ही बात कहती आ रही है - गरीबी हटाओ। लोगों ने आपको वह करने की ताकत दी थी, लेकिन आप लोगों से गरीबी हटाने के लिए कह रहे थे। उन्होंने सिर्फ नारेबाजी की, वादे किए और लोगों को गुमराह किया। यही कारण था कि वास्तव में कांग्रेस की सरकारों के दौरान गरीबी बढ़ी।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली सरकार की नीतियों के कारण, गरीब नागरिक अर्थव्यवस्था में सक्रिय भूमिका नहीं निभा सके। 

Image Source : twitterपीएम मोदी

कांग्रेस नहीं चाहती थी कि एक आदिवासी महिला देश की राष्ट्रपति बने 

उन्होंने कहा कि हालांकि कांग्रेस के शासन में बैंकों का राष्ट्रीयकरण हो गया था, लेकिन गरीब अपने बैंक खाते नहीं खोल सकते थे। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस ने अपनी सरकार के दौरान गरीब लोगों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और औद्योगिक क्षेत्र में प्राथमिकता नहीं दी। इस साल की शुरुआत में आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुने जाने का जिक्र करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी एक आदिवासी महिला के देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर आसीन होने के पक्ष में नहीं थी और इसलिए उसने अपना उम्मीदवार खड़ा किया। उन्होंने कहा, ‘‘देश की राष्ट्रपति हर आदिवासी परिवार और हर नागरिक का गौरव हैं। लेकिन कांग्रेस ने उनकी उम्मीदवारी का विरोध किया था। वे किसी आदिवासी महिला को भारत का राष्ट्रपति नहीं बनाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा किया। नहीं तो, वह सर्वसम्मति से चुनी गई होतीं।