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Hindi News गुजरात मोरबी पुल हादसे पर वकील के चौंकाने वाले खुलासे, कहा- केबल नहीं बदली गई, सिर्फ पेंट हुआ

मोरबी पुल हादसे पर वकील के चौंकाने वाले खुलासे, कहा- केबल नहीं बदली गई, सिर्फ पेंट हुआ

एफएसएल की शुरुआती रिपोर्ट का हवाला देते हुए वकील ने बताया कि ठेकेदार ने केबल नहीं बदली थी। उन्होंने कहा कि जंग लगी हुई केबल को सिर्फ पेंट किया गया था। बता दें कि इस पुल हादसे में अब तक 135 लोगों की जान चली गई।

मोरबी पुल हादसा- India TV Hindi Image Source : PTI मोरबी पुल हादसा

Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में रविवार शाम को हैंगिंग ब्रिज गिरने से 135 लोगों की जान चली गई। मरने वालों में करीब 47 बच्चे, कई महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं। गुजरात के सरकारी वकील हरसेंदु पांचाल ने बुधवार को मोरबी पुल ढहने के मामले में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए। एफएसएल की शुरुआती रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा है कि ठेकेदार ने केबल नहीं बदली थी, जंग लगी हुई केबल को सिर्फ पेंट किया गया था।

वकील ने कहा कि केवल फ्लोरिंग बदली थी। हरसेंदु पांचाल ने मंगलवार देर शाम प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष सीलबंद लिफाफे में फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की विस्तृत रिपोर्ट दाखिल की। एफएसएल की खोज से कुछ विवरण देते हुए पांचाल ने बुधवार को स्थानीय मीडिया से कहा, एफएसएल रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि केबल नहीं बदले गए।

ठेका कंपनी के मैनेजर को दिया गया था: वकील

पांचाल ने कहा, ठेका कंपनी के मैनेजर को दिया गया था न कि ओरेवा कंपनी को। उन्होंने अयोग्य मजदूरों को मरम्मत और रिनोवेशन का काम सौंपा था। ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई और जांच चल रही थी। एफएसएल रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में अदालत में पेश किया गया।

पंजाब का एक व्यक्ति लापता: मोरबी कलेक्टर

मोरबी कलेक्टर जी. टी. पंड्या ने मीडियाकर्मियों को बताया कि बचाव अभियान जारी है। पंजाब का एक व्यक्ति लापता है। उसके परिवार को घटना के बारे में सूचित किया जा चुका है। शव मिलने तक तलाशी अभियान जारी रहेगा। पंड्या ने दस दिन पहले कलेक्टर का पदभार संभाला है।

हादसे को लेकर 9 लोगों को किया गया गिरफ्तार

गौरतलब है कि हादसे के बाद पुलिस ने ठेकेदार, एजेंसी व कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। कुल नौ व्यक्तियों, ओरेवा कंपनी लिमिटेड के दो प्रबंधक, दो बुकिंग क्लर्क, तीन सुरक्षा गार्ड और दो कर्मचारियों को 31 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 1 नवंबर को दो प्रबंधकों और दो कर्मचारियों को चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा।