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Hindi News हरियाणा हरियाणा में समुदाय विशेष के खिलाफ जिन ग्राम पंचायतों ने दिया था फरमान, अब उन सरपंचों पर सरकार लेगी एक्शन

हरियाणा में समुदाय विशेष के खिलाफ जिन ग्राम पंचायतों ने दिया था फरमान, अब उन सरपंचों पर सरकार लेगी एक्शन

हरियाणा के नूंह में हिंसा के बाद रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, झज्जर समेत कई जिलों में कुछ पंचायतों के लेटर हेड पर लिखी चिठ्ठियां सामने आई थीं। इन पत्रों में एक विशेष समुदाय के लोगों के गांव में घुसने पर रोक लगाई गई थी। अब हरियाणा सरकार ने इस पर एक्शन लेने के मूड में है।

gram panchayats order- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO नूंह हिंसा के बाद ग्राम पंचायतों ने जारी किए थे फरमान

हरियाणा में समुदाय विशेष के खिलाफ चिट्ठी जारी करने वाली पंचायतों और संगठनों को लेकर हरियाणा सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। जानकारी मिली है कि समुदाय विशेष की गांवों में एंट्री बंद करने के फरमान वाली चिट्ठियां अपने लेटर हेड पर लिखने वाले सरपंचों पर पंचायती राज एक्ट के तहत कार्यवाही करने की तैयारी है। सरपंचों पर कड़ा एक्शन लेने के साथ ही पुलिस कार्यवाही की भी तैयारी है। जैसे ही हरियाणा सरकार ने सख्ती दिखाई तो सरपंच सकते में आ गए और अपने द्वारा लिखी गई चिट्टियों को लेकर अनर्गल सफाई दे रहे हैं।

नूंह हिंसा की घटना के बाद पंचायतों ने लिखे थे पत्र
इतना ही नहीं विशेष समुदाय के लोगों को शहरों और गांवों से बाहर निकालने की धमकी देने वाले हिंदू संगठनों पर भी सख्ती की जा रही है। दरअसल, नूंह हिंसा की घटना के बाद हरियाणा के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, झज्जर समेत कई जिलों में कुछ पंचायतों के लेटर हेड पर लिखी चिठ्ठियां सामने आई थीं जिसमें जाति विशेष से जुड़े लोगों को गांव में एंट्री ना देने और पूर्ण बहिष्कार करने की बात कही गई थी। ये चिट्ठियां सामने आने के बाद अब हरियाणा सरकार ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। इस मामले में सबसे ज्यादा फरमान रेवाड़ी की ग्राम पंचायतों के द्वारा जारी किए गए। 

सरपंचों ने सिर्फ अपने स्तर पर लिखे पत्र
नूंह हिंसा के बाद रेवाड़ी में ग्राम पंचायतों के फरमान पर जिला उपायुक्त ने कहा कि गांवों में सरपंचों ने सिर्फ अपने स्तर पर लिखे पत्र में ग्राम पंचायतों के सदस्यों और ग्रामीणों में सहमति नहीं बनाई गई। जब भी इस तरह का प्रस्ताव पास होता है तो बकायदा पंचायत बुलाकर ग्राम पंचायत सदस्यों और गांव के बड़े-बुजुर्ग ग्रामीणों से राय-मशवरा करके रेजोल्यूशन पास किया जाता है, लेकिन कई सरपंचों ने आनन-फानन में ऐसी चिट्ठियां अपने लेटर हेड पर लिख दी। 

विशेष समुदाय के लोगों को गांव में घुसने पर लगाई थी पाबंदी
इन पत्रों में लिखा गया कि गांवों विशेष समुदाय और शरारती तत्वों को गांव में व्यवसाय करने और फेरी नहीं लगाने दी जाएगी। इस पूरे मामले में रेवाड़ी के जिला उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा का कहना है कि रेवाड़ी की कुछ ग्राम पंचायतों ने अपने क्षेत्र में पड़ने वाले थानों के प्रभारी को एक लेटर लिखा है, जिसमें विशेष समुदाय से संबंध रखने वाले व्यक्तियों को गांव में घुसने से रोकने की बात कही गई है और गांव से निकालने की बात कही है और अगर कोई अनहोनी होती है तो वो व्यक्ति विशेष स्वयं जिम्मेदार होगा। 

पंचायती राज एक्ट के तहत होगी कार्रवाई
जिला उपायुक्त ने कहा कि इसमें अभी तक जो जानकारी सामने आई है, गांव की तरफ से एकजुट होकर ये फैसला नहीं लिया गया। केवल सरपंचों ने अपने लेवल पर पत्र दिया है। अगर यह बात सही साबित हो जाती है तो सरपंचों के खिलाफ पंचायती राज एक्ट के तहत जो भी कार्रवाई बनती है, वह की जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा भी इसमें कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। डीसी ने कहा कि इस तरह के आदेश जारी करते हुए ग्राम पंचायत से और स्थानीय ग्रामीणों की मौजूदगी में रेजोल्यूशन पास करवा कर ही सरपंच द्वारा चिट्ठी लिखी जा सकती है।

सख्ती के बाद सरपंचों ने दी सफाई
रेवाड़ी की ग्राम पंचायत बास, ग्राम पंचायत अहरोद, ग्राम पंचायत मनेठी, ग्राम पंचायत नांगल (मूंदी), ग्राम पंचायत चुनाव चिमनावास, ग्राम पंचायत सहारनवास, ग्राम पंचायत कारौली, ग्राम पंचायत बुडपूर, ग्राम पंचायत बोडिया कमालपुर शामिल है। हरियाणा सरकार के द्वारा सख्ती किए जाने के बाद से तमाम सरपंच और ग्राम पंचायत के सदस्य भी सकते में है और दलील दे रहे हैं कि नूंह हिंसा के बाद अपने गांव में माहौल न बिगड़े इसके चलते उन्होंने शरारती तत्वों को लेकर ये चिट्ठी लिखी थी और उनका कोई ऐसा नफरत फैलाने का मकसद नहीं था। वो बस यही चाहते थे कि गांव में ऐसे लोग ना आ जाएं जिसके कारण गांव की अमन-शांति भंग हो।

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