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Hindi News हेल्थ कैंसर से बचाव के लिए कौन सी औषधि है कारगर, स्वामी रामदेव से जानें खाने का तरीका

कैंसर से बचाव के लिए कौन सी औषधि है कारगर, स्वामी रामदेव से जानें खाने का तरीका

स्वामी रामदेव के अनुसार खराब लाइफस्टाइल ही कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण है। कैंसर की समस्या से बचावया निजात पाने के लिए आप योग और प्राणायाम के अलावा इन आयुर्वेदिक उपायों को अपना सकते हैं।

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सर्जरी, कीमोथैरेपी जैसे इलाज तेजी से दौड़ने लगते हैं। लेकिन कईं बार ये इलाज भी इस साइलेंट किलर को रोक नहीं पाते। पुरुषों में ब्रेन, गले, फेफड़े और पेट का कैंसर होना काफी आम हो गया है तो वहीं महिलाओं में ब्रेस्ट सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहें हैं।  विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर 10 में 1 भारतीय को कैंसर होने की आंशका बनी रहती है  इतना ही नहीं 40 फीसदी ही लोग ऐसे हैं जो इस बीमारी की जंग जीत पाते हैं।

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कैंसर के कारण हर साल देश में 7 लाख लोग मौंत हो जाती हैं। वहीं पूरी दुनिया में कैंसर के कारण हर साल 96 लाख लोगों की मौंत हो जाती हैं। स्वामी रामदेव के अनुसार खराब लाइफस्टाइल ही कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण है। कैंसर की समस्या से बचावया निजात पाने के लिए आप योग और  प्राणायाम कर सकते हैं। इसके अलावा इन आयुर्वेदिक उपायों को अपना सकते हैं। 

कैंसर के लक्षण
  1. शरीर में कही भी गांठ बनना
  2. खून जमना या बहना
  3. बिना वजह आवाज बदल जाना
  4. लगातार बुखार आना
  5. लगातार वजन कम आना

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कैंसर का आयुर्वेदिक इलाज
  1. ब्रेस्ट कैंसर से निजात पाने के लिए  आंवला, एलोवेरा, व्हीटग्रास, गिलोय, तुलसी, नीम, हल्दी का जूस रोजाना सुबह पिएं। इसके अलावा गांठ को कम करने के लिए कंचनार काढ़ा पिएं।
  2. सिला सिंदूर माह में करीब 4 ग्राम, ताम भस्म 1 ग्राम, स्वर्ण बसंत, मालती प्रवाह पंचामृता 3-3 और मोतीपिष्टी 10 ग्राम लेकर 1-1 ग्राम की 60 पुड़िया बना लें और रोजाना इसका सेवन करे। 
  3. खाली पेट 1-2 ग्राम हल्दी खाएं। इससे किसी भी तरह की गांठ नष्ट हो जाएगी।  
  4. कैंसर की समस्या से निजात दिलाने में गौधन अर्क भी काफी कारगर है। रोजाना 2 चम्मच इसे पिएं।
  5. 11- 21 पत्ते तुलसी के दही के साथ खाली पेट खाएं। इससे भी कैंसर के इलाज में लाभ मिलेगा।
  6. ब्लड कैंसर की समस्या के लिए रसमाणिक्य 4 ग्राम, मोतीपिष्टी 4 ग्राम, स्वर्ण बसंत मालती, प्रवाह पंचामृता और ताम्र भस्म 1 ग्राम लेकर 60 पुड़िया बना लें और रोजाना 1-1 पुड़िया लें। इसके अलावा संजीवनी वटी, वृद्धि वाटिक वटी, कंचनार वटी 1-1 गोली खा सकते हैं। 
  7. पेट के कैंसर के लिए भूमि आंवला, पूर्ननवा, मकोय का सेवन करे।
  8. गले का कैंसर के लिए सिष्टोग्रिट डायमंड खाली पेट और लक्ष्मीविलास संजीवनी खाने के बाद लें।  
  9. गले में भयानक दर्द हैं तो मिट्टी में हल्दी, अदरक, एलोवेरा और मिलाकर लेप लगा लें। आप चाहे तो इसमें तुलसी, अपामार्ग भी मिला सकते हैं। इससे गांठ घुलने लगती हैं। इसके साथ ही दर्द से लाभ मिलता है। 

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