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Hindi News हेल्थ पीएम मोदी ने 'मन की बात' में किया 'नेशनल न्यूट्रिशन वीक' का जिक्र, प्वाइंट्स में समझिए सेहत के लिए कितना जरूरी है पोषण

पीएम मोदी ने 'मन की बात' में किया 'नेशनल न्यूट्रिशन वीक' का जिक्र, प्वाइंट्स में समझिए सेहत के लिए कितना जरूरी है पोषण

भारत में हर साल 1 सितंबर से 7 सितंबर तक नेशनल न्यूट्रिशन वीक मनाया जाता है। प्वाइंट्स में समझिए पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में नेशनल न्यूट्रिशन वीक को लेकर कौन कौन सी बड़ी बातें कहीं।

PM Modi - India TV Hindi Image Source : TWIITER/PMO INDIA PM Modi 

भारत में हर साल 1 सितंबर से 7 सितंबर तक 'नेशनल न्यूट्रिशन वीक' मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान 'नेशनल न्यूट्रिशन वीक' का जिक्र किया। इस दौरान पीएम मोदी ने इस वीक को मनाने के पीछे का उद्देश्य के अलावा न्यूट्रिशन स्वस्थ शरीर के लिए कितना जरूरी है ये भी बताया। प्वाइंट्स में समझिए पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में 'नेशनल न्यूट्रिशन वीक' को लेकर कौन कौन सी बड़ी बातें कहीं। 

1.हमारे यहां के बच्चे, हमारे विद्यार्थी अपनी पूरी क्षमता दिखा पाएं, अपना सामर्थ्य दिखा पाएं इसमें बहुत बड़ी भूमिका न्यूट्रीशन की होती है और पोषण की भी होती है। पूरे देश में सितंबर महीने को पोषण माह न्यूट्रिशन मंथ के रूप में मनाया जाता है। नेशन और न्यूट्रिशन का बहुत गहरा संबंध होता है। 

2.एक्सपर्ट कहते हैं कि शिशु को गर्भ में और बचपन में जितना अच्छा पोषण मिलता है उतना अच्छा ही उसका मानसिक विकार होता है और वो स्वस्थ रहता है। 

3.बच्चों के पोषण के लिए उतना ही जरूरी है कि मां को भी पूरा पोषण मिले और पोषण या न्यूट्रिशन का मतलब केवल इतना ही नहीं होता कि आप क्या खा रहे हैं,कितना खा रहे हैं, कितनी बार खा रहे है। इसका मतलब होता है कि आपके शरीर को कितने जरूरी न्यूट्रिशन मिल रहे हैं। आपको आयरन, कैल्शियम मिल रहे हैं या नहीं, सोडियम मिल रहा है या नहीं, विटामिन्स मिल रहे हैं या नहीं, ये सब न्यूट्रीशन के बहुत जरूरी प्रारूप हैं। 

4. न्यूट्रिशन के इस आंदोलन में लोगों का सहयोग करना भी बहुत जरूरी है। जन- भागीदारी ही इसको सफल करती है। 

5.पिछले कुछ वर्षों में इस दिशा में, देश में काफी प्रयास किए गए हैं। खासकर हमारे गांवों में इसे जनभागीदारी जन आंदोलन बनाया जा रहा है।

6.पोषण सप्ताह हो, पोषण माह हो, इनके माध्यम से ज्यादा से ज्यादा जागरूकता पैदा की जा रही है। स्कूलों को जोड़ा गया है। बच्चों के लिए प्रतियोगिताएं हों, उनमें अवेयरनेस बढ़े, इसके लिए भी लगातार प्रयास जारी है। जैसे क्लास में क्लास मॉनिटर होता है उसी तरह न्यूट्रिशन मॉनिटर भी हो, रिपोर्ट कार्ड की तरह न्यूट्रिशन कार्ड भी बने। इस तरह की शुरुआत की जा रही है। 

7.भारत में मौसम के अनुसार खानपान की चीजें होती हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि हर क्षेत्र के मौसम, वहां के स्थानीय भोजन और वहां पैदा होने वाले अन्न, फल, सब्जियों के अनुसार पोषक से भरपूर डाइट प्लान बने। 

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