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नॉर्मल डिलीवरी के लिए स्वामी रामदेव से जानिए बेस्ट फॉर्मूला, बच्चा भी होगा तंदुरुस्त

9 महीने की प्रेग्नेंट मां के लिए अच्छा अनुभव बनें इसके लिए आज कल डॉक्टर्स गर्भवती महिलाओं को योग करने की सलाह देते हैं। जानिए स्वामी रामदेव से योगासनों के बारे में।

भागती दौड़ती जिंदगी और करियर की वजह से इन दिनो फैमिली प्लानिंग काफी देरी हो जाती है। लेकिन ये भी सच है कि 30 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई तरह की दिक्कतें आ सकती हैं जैसे कि हाई बीपी होना, डायबिटिज, प्रीमैच्युर डिलीवरी, थायराइड, मिसकैरेज और नॉर्मल डिलीवरी न हो पाना। इतना ही नहीं कई शोधों की बात करें तो साल दर साल भारतीय महिलाओं में इनफर्टिलिटी भी बढ़ती जा रही है। जिसके बाद उन्हें IVF तक का सहारा लेना पड़ता है। फिलहाल करीब 15 प्रतिशत  भारतीय कपल इन्फर्टिलिटी के शिकार हैं और तो और 30 साल में ही महिलाओं में इन्फर्टिलिटी की समस्या आ रही हैं। 

9 महीने की प्रेग्नेंट मां के लिए अच्छा अनुभव बनें इसके लिए आज कल डॉक्टर्स प्रेगनेंट महिलाओं को योग करने की सलाह देते हैं।  प्रेग्नेंसी  दिनों में करीना, अनुष्का के साथ  कई अभिनेत्रियां योग कर रही हैं।  जिससे कि होने वाला बच्चा हेल्दी पैदा हो। स्वामी रामदेव से जानिए प्रेग्नेंसी के समय कौन-कौन से योगासन करे। जिससे मां और होने वाला बच्चा रहे हेल्दी।

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Image Source : india tvनॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं तो स्वामी रामदेव से जानिए बेस्ट फॉर्मूला, बच्चा भी होगा तंदुरुस्त

नॉर्मल डिलीवरी के लिए योगासन

वज्रासन
इस आसन के लिए अपने दोनों पैरों को पीछे की तरफ मोड़ते हुए घुटनों के बल आराम से बैठ जाएं। कमर, पीठ और कंधे, गर्दनको  सीधे रखें। ध्यान मुद्रा में दोनों हाथों को घुटनों के ऊपर रखें। आंखें बंद कर मन को शांत करने का प्रयास करें और गहरी सांसे लें।

मार्जरी आसन 
इस आसन को कैट पोज कहा जाता है। योगा करते समय हमारे शरीर का आकार बिल्ली की तरह होता है।  इस आसन के लिए अपने दोनों घुटनों को टेक कर बैठ जाएं। इसके बाद व्रजासन की अवस्था में बैठ जाए। इसके बाद अपने दोनों आगे की ओर रखें।  अब दोनों हाथों पर थोड़ा सा भार डालते हुए अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं। इसके बाद जांघों को सीधा करते हुए पैर के घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाए। इसके साथ ही अपनी चेस्ट को फर्श के सामातर लाएं लगातार धीरे-धीरे सांस लेते रहें। अब एक लंबी सांस लें और अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं, अपनी नाभि को नीचे से ऊपर की तरफ धकेलें और टेलबोन को ऊपर उठाएं।  इसके बाद धीरे-दीरे सांस को बाहर छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे की ओर झुकाएं और मुंह की ठुड्डी को अपनी चेस्ट से लगाने  की कोशिश करें। 

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सूक्ष्म व्यायाम 

  • बॉडी को एक्टिव करता है
  • शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है
  • शरीर में थकान नहीं होती
  • कई तरह के दर्द से राहत
  • ऊर्जा, स्फूर्ति का संचार करता है

सूर्य नमस्कार

  • डिप्रेशन दूर करता है 
  • एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक
  • वजन बढ़ाने में मददगार योगासन
  • शरीर को डिटॉक्स करता है
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
  • पाचन तंत्र बेहतर होता है
  • शरीर को ऊर्जा मिलती है
  • फेफड़ों तक पहुंचती है ज्यादा ऑक्सीजन

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ताड़ासन
इस आसन के लिए सीधे खड़े हो जाएं। कमर भी बिल्कुल सीधा रखें। इसके बाद दोनों हाथों की अंगुलियों को आप में फंसा लें। और हथेलियों को अपने सिर के ऊपर ले जाएं। इसके बाद  धीरे-धीरे सांस लेते हुए पंजों के बल खड़े होते हुए शरीर को ऊपर की ओर खीचें। इस अवस्था में थोड़ी देर रहने के बाद दोबारा पुरानी अवस्था में आ जाएं। इस आसन को कम के कम 7-8 बार करें।

कटिचक्रासन
इस आसन के लिए पहले कमर और रीढ़ की हड्डी सीधी करके खड़े हो जाएं। इसके बाद दोनों पैरों के बीच में थोड़ी दूरी रखें। अपने कंधों की सीध में दोनों हाथो को फैलाएं। इसके बाद बाएं हाथ को दाएं कंधे में रखें और दाएं हाथ को बाएं को पीठ के लाकर आगे लाने की कोशिश करें। सामान्य सांस लेते रहें और इसी अवस्था में कुछ देर खड़े रहने के बाद दूसरी ओर से करें। 

भद्रासन
ये आसन गर्भवती महिलाओं को बिना डॉक्टर या ट्रेनर की मौजूदगी में ही करें। 

उत्तानपादासन
यह आसन किडनी और लिवर को करें सक्रिय, गर्दन की मांसपेशियों की खिंचाव करता है। तनाव डिप्रेशन से निजात दिलाता है। जिससे आपको स्किन संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।  

अर्द्ध तितली आसन
योगा मेट बिछाकर आराम से बैठ जाएं। इसके बाद अपने दोनों पैरों के बीच फासला रखते हुए आगे की ओर फैला ले। रीढ़ को बिल्कुल सीधा रखे। फिर अपने एक पैर को उठा कर दूसरे पैर के कूल्हे के पास वाली जांघ पर  धीरे से रखे। अगर ऐसा करने में आपको ज्यादा तकलीफ हो रही है तो आप अपने पैर को जांघ के पास जमीन पर भी रख सकते है और अपने पैर की अंगलियों को पकड़े और धीरे-धीरे ऊपर और नीचे की तरफ हिलाएं। इसे 1 मिनट करें। 

पूर्ण तितली आसन
इस आसन के लिए आराम से बैठ जाएं। कमर और रीढ़ को सीधा रखें। इसके बाद अपने दानों पैरों के पंजों को एक-दूसरे से मिलाएं और दोनों हाथों की मदद से उन्हें पकड़े रहें। इसके बाद घुटनों से दोनों पैरों को ऊपर-नीचे करें। 

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प्रेग्नेंसी के दौरान करें ये  ये प्राणायाम

स्वामी रामदेव के अनुसार हर प्रेग्नेंट महिला प्राणायाम जरूर  करे।  इससे मां के साथ-साथ होने वाला बच्चा भी हेल्दी रहेगा। 

कपालभाति प्राणायाम
 इस आसन को धीरे से करें। इससे परा शरीर हेल्दी, फुर्तिला रहने के साथ हर बीमारी कोसों दूर रहेगी। 

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अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।

भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है। 

नार्मल डिलीवरी के लिए बांधे ये जड
स्वामी रामदेव के अनुसार आपामार्ग की जड़ को धागे में लपेटकर नाभि में रखकर किसी कपड़े से बांध कर रखें। इससे नॉर्मल डिलीवरी होती है।

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