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Hindi News हेल्थ Swasthya Sammelan: वैक्सीन लेने के बाद भी लोग क्यों हो रहे हैं कोरोना संक्रमित, AIIMS डायरेक्ट ने बताई वजह

Swasthya Sammelan: वैक्सीन लेने के बाद भी लोग क्यों हो रहे हैं कोरोना संक्रमित, AIIMS डायरेक्ट ने बताई वजह

डॉक्टर गुलेरिया का मानना है कि वैक्सीन कोई सॉल्यूशन नहीं है, इसे लगाने के बाद भी लोग संक्रमित हो सकते हैं। उन्हें नॉर्मल फ्लू जैसी स्थिति हो सकती हैं लेकिन उनकी मौत की संभावना बेहद कम हो जाएगी।

Covid-19 Vaccine - India TV Hindi Image Source : FREEPIK वैक्सीन लेने के बाद भी लोग क्यों हो रहे हैं कोरोना संक्रमित?

कोरोना वैक्सीनेशन की पहल देश के अंदर शुरू हो गई है। सरकार की तरह से ज्यादा उम्र के लोगों को इसके लिए वरीयता दी जा रही है, यानी जिनकी उम्र ज्यादा है उन्हें पहले वैक्सीन लगाई जा रही है। वैक्सीनेशन के इस चरण में इन दिनों उन लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है, जिनकी उम्र 45 साल या उससे ज्यादा है। मगर ऐसा देखने को मिला है कि लोगों के अंदर वैक्सीन लगाए जाने के बाद भी कोरोना के लक्षण देखे जा रहे हैं, जब उनकी टेस्ट कराई जा रही है तो वह कोरोना संक्रमित पाए जा रहा हैं।

इंडिया टीवी के खास शो स्वास्थ्य संवेलन में अखिल भारतीय आर्यविज्ञान संस्थान (एम्स) के डायरेक्ट रणदीप गुलेरिया ने बताया कि वैक्सीन कोई सोल्यूशन नहीं है, यह एक हथियार है। मगर उसके अलावा ज्यादा बड़ा हथियार है ये है कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सख्ती से किया जाए। 

डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, ''वैक्सीन के अलावा हमें और चीजें भी साथ करनी पड़ेगी। अगर हम वैक्सीन लगा दें तो भी कोरोना प्रोटोकॉल पालन करना जरूरी होगा। जैसे-जैसे वायरस बदलेगा तो हो सकता है हमें वैक्सीन भी चेंज करनी पड़े, अगर कोई भी वेरिएंट आएगा और उससे बचना है तो मास्क लगाने से ही बच सकेंगे।''

डॉक्टर गुलेरिया का मानना है कि वैक्सीन कोई सॉल्यूशन नहीं है, इसे लगाने के बाद भी लोग संक्रमित हो सकते हैं। उन्हें नॉर्मल फ्लू जैसी स्थिति हो सकती हैं लेकिन उनकी मौत की संभावना बेहद कम हो जाएगी।

साथ ही डॉक्टर गुलेरिया ने दावा किया कि राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन समय की जरूरत नहीं है, लेकिन 'टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट' पर मुख्य रूप से फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा, "यह बताने के लिए कोई डेटा नहीं है कि कोविड के मामलों की अंतिम लहर की तुलना में दूसरी लहर में मृत्यु दर में वृद्धि हुई है।"

उन्होंने कहा, "मामलों में अचानक तेजी के पीछे कई कारण हैं। जनवरी-फरवरी में, जब मामलों में कमी आने लगी तो लोगों ने अपने एहतियातों को कम करना शुरू कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि कोरोनो वायरस अब चला गया है। लोगों ने कोविड के उचित व्यवहार की उपेक्षा की, जो मुख्य कारण है मामलों में तेज वृद्धि के पीछे।"

वैक्सीन के बारे में बात करते हुए, डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि डॉक्टर रेड्डी और कैडिला की वैक्सीन उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि इनका उत्पादन भारत में किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "वैक्सीन के उत्पादन में विशेष प्लाट्स की जरूरत होती है। अगले कुछ महीनों में उत्पादन में वृद्धि होगी, यह रातोरात नहीं हो सकता है।"

 

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