हल्की-हल्की बारिश, धुली-धुली सी पूरी कायनात आंखों को बहुत सुकून देती है। जहां हरियाली आंखों को सुकून देती है तो वहीं भ्रामरी और योग से माइंड & बॉडी का कॉर्डिनेशन बेहतर होता है। मॉनसून में, उमस-नमी और गंदगी आंखों के लिए तमाम परेशानियां लेकर आती हैं। बारिश में आंखों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है क्योंकि इन दिनों वायरल, फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का रिस्क बहुत बढ़ जाता है। एम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंजंक्टिवाइटिस के मामले बारिश में अब तक तीन गुना बढ़े हैं. आंखों में रेडनेस, स्वेलिंग, ईचिंग कॉमन प्रॉब्लम बन गई हैं।
वैसे तो आंखों का ख्याल हर मौसम में ही रखना चाहिए लेकिन बरसात में कॉन्टैक्ट लेंस लगाने वालों को तो बेहद सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि गीले और गंदे हाथों से आंखों को छूना उनके लिए भारी पड़ सकता है। रैनी सीजन में eye bags पर Pimple आ जाते हैं। पलकों की जड़ों में सूजन, लाल सी गांठ बन जाती है और 'ड्राई आई सिंड्रोम', ये बीमारी भी कम परेशान नहीं करती। भले हवा में नमी हो, लेकिन AC में लंबे वक्त तक बैठने, स्क्रीन टाइम बढ़ने से पलकें झपकने लगती हैं। ये तो आंखों की सीजनल प्रॉब्लम हैं। साथ में लाइफ स्टाइल की बीमारी, अब जैसे डायबिटीज, हाइपर, लिपिडिमिया, हाइपरटेंशन AUR थायराइड का असर भी तो आंखों पर पड़ता है। तो चलिए सावन के महीने में डॉक्टर्स के पास जाने की नौबत ना आए इसके लिए योगगुरु स्वामी रामदेव से योगाभ्यास के साथ रामबाण उपाय जानते हैं।।।
आंखों की रोशनी बढ़ाएं
आंखों की रोशनी बढ़ाएं
आंखों की रोशनी बढ़ाएं
नजर होगी शार्प
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गुलाब जल में त्रिफला का पानी मिलाएं
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मुंह में नॉर्मल पानी भरें
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त्रिफला गुलाब जल से आंखें धोएं
नजर होगी शार्प - क्या खाएं?
चश्मा उतरेगा - क्या खाएं?
आंखें देंगी साथ - घरेलू इलाज
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1 चम्मच सफेद प्याज़ का रस
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1 चम्मच अदरक नींबू का रस
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3 चम्मच शहद
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3 चम्मच गुलाब जल
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सभी को आंवले के रस में मिलाएं
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दो-दो बूंद सुबह शाम आंखों में डालें
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
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