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Hindi News भारत राष्ट्रीय BMC ने सीमित की बकरीद पर कुर्बानी वाले पशुओं की संख्या, फैसले के खिलाफ दखल से कोर्ट का इनकार

BMC ने सीमित की बकरीद पर कुर्बानी वाले पशुओं की संख्या, फैसले के खिलाफ दखल से कोर्ट का इनकार

बंबई हाई कोर्ट ने बकरीद पर शहर के देवनार बूचड़खाने में कुर्बानी दिए जाने वाले पशुओं की संख्या सीमित करने के बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के फैसले में हस्तक्षेप करने से मंगलवार को इनकार कर दिया।

Bakri Eid, Bakri Eid BMC, Bakri Eid High Court, Bakri Eid Animal Sacrifices- India TV Hindi Image Source : AP याचिकाकर्ताओं में एक के वकील तनवीर निजाम ने कहा कि लोगों ने कुर्बानी देने के लिए बड़ी संख्या में पशु खरीद लिए और उनमें से कई अब शेष रह जाएंगे।

मुंबई: बंबई हाई कोर्ट ने बकरीद पर शहर के देवनार बूचड़खाने में कुर्बानी दिए जाने वाले पशुओं की संख्या सीमित करने के बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के फैसले में हस्तक्षेप करने से मंगलवार को इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जी एस कुलकर्णी ने कहा कि राज्य प्रशासन ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर यह पाबंदी लगाई है। पीठ याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कहा गया है बीएमसी को अगले 3 दिनों में बूचड़खाने में कुर्बानी दिए जाने वाले पशुओं की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया जाए।

‘नहीं हो पाएगी बड़ी संख्या में खरीदे गए पशुओं की कुर्बानी’
नगर निकाय द्वारा 19 जुलाई को जारी परिपत्र के मुताबिक देवनार बूचड़खाना 21 जुलाई से 23 जुलाई तक सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहेगा और 300 भैंसों या ‘बड़े पशुओं’की इन तीनों दिन कुर्बानी देने की अनुमति होगी। याचिकाकर्ताओं में एक के वकील तनवीर निजाम ने अदालत से कहा कि चूंकि BMC ने पूर्व में ऐसा कोई संकेत नहीं दिया कि कुर्बानी दिये जाने वाले पशुओं की संख्या सीमित की जाएगी, ऐसे में लोगों ने कुर्बानी देने के लिए बड़ी संख्या में पशु खरीद लिए और उनमें से कई अब शेष रह जाएंगे। हालांकि, उच्च न्यायालय ने सवाल किया, ‘क्या धर्म के ऊपर जनस्वास्थ्य नहीं है?’

‘मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया है’
कोर्ट ने कहा, ‘यह मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए किया गया है। अन्यथा, प्रशासन स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पाएगा।’ BMC की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कोर्ट से कहा कि नगर निकाय ने बूचड़खाने में भीड़ नियंत्रित करने के लिए कुर्बानी दिए जाने वाले पशुओं की संख्या सीमित की है। कोविड-19 प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए पशुओं की संख्या सीमित करने के राज्य सरकार के 2 जुलाई के फैसले के बाद BMC ने परिपत्र जारी किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, ‘अब सभी त्योहार शुरू हो रहे हैं, हिंदुओं और मुसलमानों के लिए। हम तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए ये एहतियात बरत रहे हैं।’ इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि पाबंदियां प्रशासन के फैसले हैं और इसमें अदालत का कोई हस्तक्षेप वांछित नहीं है। (भाषा)

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