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Hindi News भारत राष्ट्रीय प्रवर्तन निदेशालय ने 177 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में 17 जगहों पर छापे मारे

प्रवर्तन निदेशालय ने 177 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में 17 जगहों पर छापे मारे

ईडी ने गुरुवार (6 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राठेर के बेटे हिलाल अहमद राठेर के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी से संबंधित धन शोधन के मामले में कई जगह छापेमारी की।

ED raids 17 places in Rs 177 crore J&K Bank loan fraud case- India TV Hindi Image Source : FILE ED raids 17 places in Rs 177 crore J&K Bank loan fraud case

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार (6 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राठेर के बेटे हिलाल अहमद राठेर के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी से संबंधित धन शोधन के मामले में कई जगह छापेमारी की। ईडी ने 177 करोड़ रुपये के कथित जे एंड के बैंक धोखाधड़ी मामले में यह कार्रवाई की है।

ईडी 177 करोड़ रुपये के जे एंड के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में हिलाल अहमद राठेर के परिसरों सहित पंजाब, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के 17 स्थानों पर तलाशी ले रही है। ईडी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि एजेंसी मामले के सिलसिले में पंजाब के लुधियाना, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में 17 स्थानों पर तलाशी ले रही है। अधिकारी ने कहा कि हिलाल अहमद राठेर के आवास की भी तलाशी ली जा रही है। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने चार मार्च को मामला दर्ज किया था।

राठेर को इस साल 16 जनवरी को जम्मू-कश्मीर पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने फर्जी निकासी के मामले में 14 मार्च को अदालत के समक्ष दायर आरोप पत्र (चार्जशीट) में राठेर और दो अन्य का नाम लिया था। जांच के दौरान, सीबीआई ने पाया कि राठेर जे एंड के बैंक अधिकारियों के साथ आपराधिक षड्यंत्र का हिस्सा बने, ताकि नियमों और दिशानिदेशों का उल्लंघन करते हुए 177.68 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया जा सके।

फ्लैटों के निर्माण के लिए मंजूर किए गए ऋण को आरोपी ने अपने कर्मचारियों के बैंक खातों का उपयोग करके कथित रूप से गबन किया। राठेर ने बैंक को जाली प्रमाण पत्र और बिल भी जमा किए। इस खाते को 31 दिसंबर, 2017 को एक गैर-निष्पादित परिसंपत्ति के रूप में वर्गीकृत (क्लासिफाइड) किया गया था। बैंक अधिकारियों ने राठेर द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों का सत्यापन नहीं किया और साथ ही पैसे निकालने और मनी लॉन्ड्रिंग में भी मदद की। फर्म में राठेर के साझेदार (पार्टनर) रिजवान रहीम डार, गुलाम मोहम्मद भट्ट, दलजीत वढेरा और दीपशिखा जम्वाल भी एजेंसी की रडार में हैं। (इनपुट- IANS)

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