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Hindi News भारत राष्ट्रीय किसान नेताओं ने सरकार को दिया अल्टिमेटम, कहा- कानून वापस लें वर्ना अब ब्लॉक किए जाएंगे रेलवे ट्रैक

किसान नेताओं ने सरकार को दिया अल्टिमेटम, कहा- कानून वापस लें वर्ना अब ब्लॉक किए जाएंगे रेलवे ट्रैक

सिघू बॉर्डर से किसान नेता बूटा सिंह ने कहा है कि यदि सरकार ने तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया तो अब रेलवे ट्रैक्स को भी ब्लॉक किया जाएगा।

Farmers protest Live Updates, Farmers protest news, Farmers protest today news- India TV Hindi Image Source : PTI REPRESENTATIONAL दिल्ली की सीमाओं पर बीते कई दिनों से जमे किसान अब अपने आंदोलन को और तेज करने की बात कह रहे हैं।

नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर बीते कई दिनों से जमे किसान अब अपने आंदोलन को और तेज करने की बात कह रहे हैं। सिघू बॉर्डर से किसान नेता बूटा सिंह ने कहा है कि यदि सरकार ने तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया तो अब रेलवे ट्रैक्स को भी ब्लॉक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मंच जल्द ही इसके लिए तारीखों की घोषणा करेगा। वहीं, भारतीय किसान यूनियन (आर) के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने माना है कि कानून व्यापारियों के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कृषि राज्य विषय है, तो उन्हें इसके बारे में कानून बनाने का अधिकार नहीं है।

‘...तो रेलवे ट्रैक्स को किया जाएगा ब्लॉक’
सिंघु बॉर्डर से किसान नेता बूटा सिंह ने कहा, ‘पंजाब में टोल प्लाजा, मॉल, रिलायंस के पंप, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दफ्तर और घरों के आगे धरना अभी भी जारी है। इसके अलावा 14 तारीख को पंजाब के सभी DC ऑफिसों के बाहर धरने दिए जाएंगे। हमने 10 तारीख का अल्टीमेटम दिया हुआ था कि अगर PM ने हमारी बातों को नहीं सुना और कानूनों को रद्द नहीं किया तो हम रेलवे ट्रैक्स को भी ब्लॉक करेंगे। आज की बैठक में ये फैसला हुआ कि अब रेलवे ट्रैक पर पूरे भारत के लोग जाएंगे। संयुक्त किसान मंच इसकी तारीख की जल्द घोषणा करेगा।’


‘सरकार आगे बातचीत के लिए तैयार है’
वहीं, कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के नेताओं से सरकार द्वारा दिये गये प्रस्तावों पर विचार करने का गुरुवार को एक बार फिर आग्रह किया और कहा कि सरकार उनके साथ आगे और बातचीत करने के लिये तैयार है। किसानों ने एक दिन पहले ही सरकार की पेशकश को ठुकरा दिया। सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बनाए रखने के बारे में लिखित आश्वासन देने और नये कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों में संशोधन की पेशकश की है। तोमर ने कहा, ‘नए कृषि कानूनों में किसानों को जहां कहीं भी कोई आपत्ति है, हम खुले दिमाग से उस पर विचार करने के लिये तैयार है। हम किसानों की सभी शंकाओं को दूर करना चाहते हैं।’

 

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