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Hindi News भारत राष्ट्रीय लद्दाख में पीछे हटने के बाद चीन ने जारी किया प्रोपेगेंडा VIDEO, जून में हुई झड़प में दिखाई

लद्दाख में पीछे हटने के बाद चीन ने जारी किया प्रोपेगेंडा VIDEO, जून में हुई झड़प में दिखाई

चीन के ग्लोबल टाइम्स ने गलवान वैली झड़प का वीडियो पोस्ट किया है। तीनी सैनिकों की झड़प का 3 मिनट 20 सेकेंड का वीडियो जारी किया है। चीन ने पहली बार माना गलवान में उसके सैनिक भी मारे गए थे।

लद्दाख में पीछे हटने के बाद चीन ने जारी किया प्रोपेगेंडा VIDEO- India TV Hindi Image Source : VIDEO GRAB/GLOBAL TIMES लद्दाख में पीछे हटने के बाद चीन ने जारी किया प्रोपेगेंडा VIDEO

चीन के ग्लोबल टाइम्स ने गलवान वैली झड़प का वीडियो पोस्ट किया है। भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प का 3 मिनट 20 सेकेंड का प्रोपेगेंडा वीडियो जारी किया है। दरअसल, शनिवार को डिसइंग्जेमेंट की अगली प्रक्रिया को लेकर माल्डो में भारत और चीन के प्रतिनिधियों की एक बैठक होनी है और उसी बैठक से पहले चीन ने दबाव बनाने के लिए गलवान में हुई झड़प का प्रोपेगेंडा VIDEO जारी किया है। शुक्रवार सुबह ही चीन ने पहली बार माना है कि गलवान में उसके सैनिक मारे गए थे। चीन ने गलवान झड़प में 4 सैनिकों के मारे जाने की बात कबूली है। 

गलवान घाटी में हुए झड़प को चीन ने एक वीडियो जारी कर पहली बार ये कबूल किया है कि उसके सैनिक मारे गए थे। चीन की ओर से जारी इस वीडियो में चीन बता रहा है जून के महीने में गलवान घाटी में क्या-क्या हुआ है। चीन के ग्लोबल टाइम्स ने 3 मिनट 20 सेकंड का वीडियो जारी किया है। आज ही चीन ने कबूल किया है उसके 4 सैनिक मरे थे। हालांकि इस झड़प में चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे, लेकिन चीन इस बड़े कबूलनामे से बचता रहा है। आज पहली बार चीन ने चार सैनिकों के मारे जाने की बात कबूली है। आज ही उसके अखबार ग्लोबल टाइम्स ने गलवान घाटी का वीडियो जारी किया है।

चीन ने सोच समझ कर ये वीडियो रिलीज करवाया है क्योंकि वो जानता है कि कल कोर कमांडर लेवल की बातचीत मोल्डो में होने वाली है और इसमें दोहरा गलवान हॉट स्प्रिंग और डेप सांग की दिशा और दशा तय की जाएगी। अभी तक पहली बार ऐसा हुआ कि चीन ने रात में झड़प का कोई वीडियो रिलीज किया है और वो भी डिस इंगेजमेंट होने के बाद यानी एक बार फिर से चीन दबाव बनाने की रणनीति के साथ इस वीडियो को रिलीज़ किया है। 

गलवान घाटी में हमारे 4 सैन्यकर्मी मारे गए थे- चीन ने पहली बार किया स्वीकार 

चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी ’(पीएलए) ने शुक्रवार को पहली बार आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार किया कि पिछले वर्ष जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में उसके चार सैन्यकर्मी मारे गये थे। चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीनी सेना के अखबार ‘पीएलए डेली’ की एक खबर को उद्धृत करते हुए कहा कि देश के सैन्य प्राधिकारों ने दो सैन्य अधिकारियों और तीन सैनिकों को सम्मानित किया है। चीन की पश्चिमी सीमा की रक्षा करने के लिए उनमें से चार को मरणोपरांत सम्मानित किया गया है। पीएलए डेली के मुताबिक काराकोरम पर्वतों पर तैनात रहे पांच चीनी अधिकारियों और सैनिकों को ‘सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ऑफ चाइना’ (सीएमसी) ने भारत के साथ सीमा पर टकराव में अपना बलिदान देने के लिए सम्मानित किया है। यह घटना जून 2020 में गलवान घाटी में हुई थी। सीएमसी का नेतृत्व चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग कर रहे हैं, जो चीन में सत्तारूढ़ दल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के महासचिव भी हैं। 

शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, ‘‘बटालियन कमांडर चेन होंगजुन को मरणोपरांत ‘सीमा की रक्षा करने वाले नायक’ सम्मान से सम्मानित किया गया है, जबकि चेन शियांगरोंग, शियाओ सियुआन और वांग झुओरान को प्रथम श्रेणी की उत्कृष्टता से सम्मानित किया गया। वहीं, झड़प में गंभीर रूप से घायल हुए क्वी फबाओ को ‘सीमा की रक्षा करने वाले नायक रेजीमेंट कमांडर’ की उपाधि दी गई।’’ खबर के मुताबिक पीएलए के तीन सैनिक झड़प में मारे गये, जबकि एक अन्य जवान जब अपने साथियों की मदद करने के लिए नदी पार कर रहा था, तभी उसकी मौत हो गई। 

भारत, चीन के सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता शनिवार को 

भारत और चीन की सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर शनिवार को नये दौर की एक उच्च स्तरीय वार्ता करेंगे जिसमें दोनों पक्षों की तरफ से पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट से सैनिकों और सैन्य सोजोसामान को पीछे हटाने का काम पूरा होने के बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को दी। सूत्रों ने कहा कि कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन की ओर मोल्दो सीमा बिंदु पर शुरू होगी। नौ महीने के गतिरोध के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहमति बनी कि दोनों पक्ष ‘‘चरणबद्ध तरीके से, समन्वित और सत्यापन योग्य’’ तरीके से पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों से सैनिकों को पीछे हटायेंगे। सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया 10 फरवरी को शुरू हुई। 

सूत्रों ने कहा कि पैंगोंग झील क्षेत्रों में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति के अनुसार संपन्न हुई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को संसद में एक बयान में कहा था कि चीन अपनी सेना की टुकड़ियों को हटा कर पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे में फिंगर आठ इलाकों के पूरब की दिशा में जे जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत अपनी सैन्य टुकड़ियों को फिंगर तीन के पास अपने स्थायी ठिकाने धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह की कार्रवाई दक्षिणी किनारे वाले क्षेत्र में भी दोनों पक्ष करेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा था कि इसपर सहमति बनी है कि पैंगोंग झील क्षेत्र में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के भीतर दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की अगली बैठक अन्य सभी मुद्दों को हल के लिए बुलायी जाएगी। रक्षा मंत्रालय ने बाद में कहा था कि डेपसांग, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा सहित अन्य लंबित मुद्दों पर दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच आगामी वार्ता में चर्चा की जाएगी।

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