गलवान में भारतीय सैनिकों द्वारा चीन को दिए गए जवाब की पूरी दुनिया ने तारीफ की थी। गलवान में बुरी तरह पिटने के बाद चीन पूरी तरह से भौचक्का रह गया, हमेशा शांति की बात करने वाली भारतीय सेना इस तरह से पलटकर वार करेगी और पूरी दुनिया के सामने उसे बेनकाब करे देगी ये चीन ने सोचा भी न था।
बीते साल जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली में चीन की सेना से लोहा लेते हुए शहीद हुए कर्नल बी संतोष बाबू तथा कुछ अन्य भारतीय सैनिकों को गणतंत्र दिवस की परेड पर वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा सकता है।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़पों में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गये थे जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवान भी हताहत हुए थे लेकिन उसने स्पष्ट संख्या नहीं बताई।
चीन की ओर से यह टिप्पणी अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा दिए गए बयान के तीन दिन बाद आई है। पोम्पियो ने कहा था कि चीन ने भारत के खिलाफ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 60,000 सैनिकों को तैनात किया है।
भारत और चीन ने बुधवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों के पीछे हटने के लिए अपनी सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों के बीच एक बैठक आयोजित करने पर सहमति जताई है। दोनों देशों की सेनाएं एलएसी के पास इस साल जून महीने से आमने-सामने हैं।
भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई द्विपक्षीय समझौते हुए, जिसमें दोनों पक्षों ने एलएसी को लेकर आम सहमति बनाने के लिए स्पष्टीकरण और पुष्टि के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
अमेरिका के अखबार न्यूजवीक ने जून में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान में हुई झड़प को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
लद्दाख में ब्लैक टॉप पर जब से भारतीय सेना ने कब्जा किया है, तब से पाकिस्तान में रेड अलर्ट हो गया है। चीन के भरोसे पाकिस्तान कश्मीर का ख्वाब देख रहा था और उसके साथ मिलकर टू फ्रंट वॉर की बात कर रहा था लेकिन जब से ब्लैक टॉप पर तिरंगा लहरा रहा है तब से इमरान खान और बाजवा के होश उड़े हुए हैं।
एलएसी के पार इनकी तैनाती के बाद ही चीन ने भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ के प्रयास शुरू कर दिए हैं। चीन ने पैंगॉन्ग त्सो में यथास्थिति को बदलने के लिए उत्तेजक सैन्य गतिविधि शुरू कर दी थी। हालांकि, भारतीय सैनिकों ने पीएलए के जमीन कब्जाने वाले मंसूबों पर पानी फेर दिया।
भारत-चीन सीमा पर चल रहे तनाव के बीच, अपने चीनी समकक्ष के साथ भारतीय सेना के ब्रिगेड कमांडर की बैठक दक्षिणी तट पर पैंगोंग झील के हालात से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए चुशुल / मोल्दो में चल रही है।
चीन पहले गलवान में पिटा, फिर 29 और 30 अगस्त की रात को पिटा लेकिन ड्रैगन अपनी फितरत से बाज नहीं आ रहा। चीन ने कल यानी 31 अगस्त को भी LAC पर घुसपैठ की कोशिश की थी। सूत्रों के मुताबिक चीन की सेना की इस गुस्ताखी का भारतीय सेना ने तुरंत ही करारा जवाब दिया और चाइनीज आर्मी को पीछे भागना पड़ा।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच नए सिरे से पैदा हुए तनाव की पृष्ठभूमि में मंगलवार को एक और दौर की सैन्य वार्ता की। सूत्रों ने कहा कि ब्रिगेड कमांडर-स्तरीय वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय क्षेत्र में चुशूल में सुबह 10 बजे शुरू हुयी।
चीन के साथ ताजा हालात पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की हाईलेवल मीटिंग खत्म हो चुकी है। इस बैठक में भारतीय सीमा सुरक्षा के लिए कई फैसले लिए गए। बैठक में तय किया गया कि भारतीय सैनिक LAC को पार नहीं करेंगे। LAC के पास भारतीय सीमा की सुरक्षा मज़बूत की जाएगी।
गलवान घाटी से पीछे भागने के बाद चीन ने एक बार फिर घुसपैठ की हिमाकत की जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और चाइनीज घुसपैठ को नाकाम कर दिया। इस बीच सैटेलाइट तस्वीरों ने ड्रैगन की एक और पोल खोल दी है।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच नए सिरे से पैदा हुए तनाव की पृष्ठभूमि में लद्दाख के उपराज्यपाल आर. के. माथुर ने सोमवार को केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी से भेंट की।
गलवान घाटी से पीछे भागने के बाद चीन ने एक बार फिर घुसपैठ की हिमाकत की जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और चाइनीज घुसपैठ को नाकाम कर दिया लेकिन चीन इस बात से साफ मुकर गया कि उसके सैनिकों ने सीमा पार करने की कोशिश की।
इस बीच लद्दाख में चाइनीज आर्मी की एक साजिश का खुलासा हुआ है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई ताजा झड़प से पहले चीन ने लद्दाख इलाके में लड़ाकू विमान तैनात किए थे।
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में बीते 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद भारतीय नौसेना ने बड़ा कदम उठाते हुए दक्षिण चीन सागर में अपना एक फ्रंटलाइन वॉरशिप (जंगी जहाज) तैनात कर दिया है।
पूर्वी लद्दाख में चीनी फौज के दुस्साहसपूर्ण घुसपैठ के बाद सैन्य तनाव दूर करने के लिए भारत और चीन के बीच कूटनीतिक व सैन्य स्तर पर अभी तक हुई कई दौर की वार्ताओं का कोई नतीजा नहीं निकला है। दूसरी तरफ चीन की चालबाजियां भी बढ़ती जा रही हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस समारोह में धूमधाम नहीं होगी क्योंकि घातक वायरस ने सभी गतिविधियों को बाधित किया है। महामारी के कारण सामने आई चुनौतियों का सरकार की ओर से प्रभावी ढंग से जवाब देने का अलौकिक प्रयास किया गया।
एलएसी पर यथास्थिति बहाल करने के लिए कमांडर स्तर बातचीत से कोई पुख्ता हल नहीं निकला। इसके बाद अब तनाव को कम करने के लिए आज मेजर जनरल स्तर की वार्ता हो रही है। सेना के सूत्रों के मुताबिक यह बातचीत दौलत बेग ओल्डी इलाके में हो रही है।
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच रविवार को दोनों देशों के शीर्ष कमांडरों के बीच 5वें चरण की बातचीत हुई। सैन्य कमांडर स्तर की यह बातचीत करीब 11 घंटे तक चली।
भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों की सेनाओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) के चीन की तरफ में मोल्दो में कोर कमांडर-स्तर की वार्ता होगी।
इससे पहले, MEA ने पुष्टि की थी कि भारत और चीन दोनों एलओसी के साथ पूर्ण विघटन पर सहमत हुए हैं। फिलहाल चल रहे संवाद के परिणामस्वरूप पैट्रोलिंग पॉइंट 14, 15 और 17A में पूर्ण विघटन हुआ है।
गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प में शहीद कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू की पत्नी संतोषी को तेलंगाना सरकार ने डिप्टी कलेक्टर नियुक्त किया है।
लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि बीजिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाने के लिए उनकी 56 इंच वाली छवि पर हमला कर रहा है और प्रधानमंत्री भी दबाव में आकर अपनी छवि बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
भारत और चीन के बीच गलवान में तनाव के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे। राजनाथ सिंह सेना के विशेष प्लेन से लेह के पहुंचे। रक्षामंत्री का ये दौरा प्रधानमंत्री के दौरे के करीब पंद्रह दिन बाद हो रहा है।
भारत और चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की बातचीत में वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चीन ने पारस्परिक रूप से पैट्रोलिंग पॉइंट 14, 15 और 17 पर हर चीज को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की है।
पैंगोंग सो और देपसांग समेत पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले सभी स्थानों से समयबद्ध तरीके से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए भारतीय और चीनी सेना के कमांडरों के बीच मंगलवार को करीब 14 घंटे तक मैराथन बातचीत हुई।
उल्लेखनीय है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने भारतीय सेना के साथ बनी आपसी सहमति के अनुसार, पूर्वी लद्दाख के गोग्रा और हॉट स्प्रिंग्स में टकराव स्थलों से अपने बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया बृहस्पतिवार को पूरी कर दी।
भारत से चीन के तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने रेसिप्रोकल एक्सेस टू तिब्बत कानून के तहत चीन के अधिकारियों के एक समूह पर वीजा प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
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