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Hindi News भारत राष्ट्रीय ‘किसान जनसंहार’ हैशटैग पर सरकार ने ट्विटर को अकांउट बंद करने का निर्देश दिया

‘किसान जनसंहार’ हैशटैग पर सरकार ने ट्विटर को अकांउट बंद करने का निर्देश दिया

मंत्रालय ने कहा कि 31 जनवरी के आदेश और एक दिन बाद मिले ट्विटर के जवाब की समीक्षा करने वाली समिति ने भी अकाउंट और हैशटैग को ब्लॉक करने के फैसले की पुष्टि की है।

Twitter, Twitter Farmer Genocide, Twitter Farmer Genocide Hashtags- India TV Hindi Image Source : PIXABAY/PTI REPRESENTATIONAL केंद्र सरकार ने बुधवार को माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट Twitter को बेहद ही कड़े शब्दों में नोटिस भेजा है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट Twitter को बेहद ही कड़े शब्दों में नोटिस भेजा है। सरकार ने ट्विटर को आदेश दिया है कि वह किसानों के जनसंहार की योजना बनाने का आरोप लगाने वाले अकांउट और हैशटैग को तत्काल हटाए क्योंकि इस तरह की गलत सूचना और भड़काऊ सामग्री भावनाओं को उकसाएगी तथा लोक व्यवस्था को प्रभावित करेगी। सरकार ने साथ ही चेतावनी दी है कि यदि Twitter ने उसके निर्देशों का पालन नहीं किया तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

Twitter ने ब्लॉक करने के बाद अकाउंट्स किए अनब्लॉक
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कड़े शब्दों में ट्विटर को भेजे नोटिस में कहा कि उसने कानून के प्रावधानों के तहत 31 जनवरी को माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट से 257 यूआरएल (वेब एड्रेस) और एक हैशटैग को ब्लॉक करने को कहा था क्योंकि वे (किसान) आंदोलन के बारे में गलत जानकारी फैला रहे थे जिससे हिंसा होने और देश की लोक व्यवस्था प्रभावित होने का अंदेशा था। ट्विटर ने एक दिन तक आग्रह पर कोई कार्रवाई नहीं की और फिर उन्हें ‘ब्लॉक’ किया लेकिन कुछ घंटों बाद ही उन्हें ‘अनब्लॉक’ भी कर दिया।

सरकार ने कहा, हो सकती है दंडात्मक कार्रवाई
घटनाक्रम की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि यह सरकार को पसंद नहीं आया और ट्विटर को नया आदेश/नोटिस जारी किया गया है जिसका पालन करने में विफल रहने पर कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इस कानून में जुर्माना और 7 साल तक की जेल की सजा हो सकती है। नोटिस में कहा गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी की धारा 69ए केंद्र सरकार को शक्तियां प्रदान करती है कि वह ट्विटर जैसे मध्यस्थ को उन सूचनाओं को लोगों तक पहुंचने से रोकने का आदेश दे सकती है जिनके बारे में उसे लगता हो कि यह किसी अपराध के ‘उकसावे’ को रोकने के लिए जरूरी है।

ट्विटर ने इसलिए हटाई थी अकाउंट्स से रोक
सरकार द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि जो अकाउंट ब्लॉक किए गए थे और फिर बहाल कर दिए गए, उनमें समाचार पत्रिका कारवां, किसान एकता मोर्चा, आदिवासी नेता हंसराज मीणा और अभिनेता सुशांत सिंह का अकाउंट शामिल है। ट्विटर के मुताबिक, उसने सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक की थी और उन्हें बताया था कि ये पोस्ट अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत आते हैं और समाचार योग्य हैं। कंपनी ने फिर सार्वजनिक वार्ता का संरक्षण करने के लिए इन अकाउंट से रोक हटा दी थी। जिन अन्य अकाउंट पर शुरुआती तौर पर रोक लगाई गई थी उनमें माकपा नेता मोहम्मद सलीम, किसान संगठन बीकेयू एकता उग्राहां और ट्रैक्टर 2 ट्विटर अकाउंट शामिल हैं।

'मोदी प्लानिंग फार्मर्स जीनोसाइड' कर रहा था ट्रेंड
ट्विटर के इस कदम की राजनीतिक नेताओं और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने आलोचना की थी। ट्विटर की दलील है कि इस तरह से ब्लॉक करने से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रभावित होती है जिसपर नोटिस में कहा गया कि ट्विटर के पास संवैधानिक, वैधानिक या कोई कानूनी आधार नहीं है जिसके तहत वह संवैधानिक सिद्धांतों के साथ वैधानिक प्रावधानों की व्याख्या पर टिप्पणी करे। नोटिस में कहा गया है कि 'मोदी प्लानिंग फार्मर्स जीनोसाइड' (मोदी किसानों के जनसंहार की योजना बना रहे हैं) हैशटैग लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा के संबंध में लोगों को संज्ञेय अपराध करने के लिए भड़काने वाला पाया गया और इसको ब्लॉक करने का आदेश दिया गया।

‘अदालत की भूमिका नहीं ले सकता है ट्विटर’
इसमें कहा गया है कि उपाय की अव्यावहारिकता या असंगतता का फैसला एक मध्यस्थ नहीं कर सकता है जो केंद्र सरकार के आदेश को मानने के लिए बाध्य है। मंत्रालय ने कहा कि 31 जनवरी के आदेश और एक दिन बाद मिले ट्विटर के जवाब की समीक्षा करने वाली समिति ने भी अकाउंट और हैशटैग को ब्लॉक करने के फैसले की पुष्टि की है। इसने कहा कि ट्विटर अदालत की भूमिका नहीं ले सकता है।

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