जहां पूरे देश में नोटबंदी के बाद अफरा-तफरी का माहौल है वहीं इस गांव में जिदंगी अपनी पुरानी रफ्तार से चल रही है। अहमदाबाद से लगभग 90 किलोमीटर दूर नोटबंदी से बेअसर अकोदरा गांव को देश के पहले डिजीटल गांव का दर्जा मिल चुका है।
कैशलेस गांव में सुविधाएं-
- गांव के बुजुर्ग पेंशनरों को भी बाहर नहीं जाना पड़ता है। पेंशन चाहे जिस बैंक में जमा हो, वो चेक से इसे अपने गांव के अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते हैं और जब चाहिए तब गांव के एटीएम से पैसे निकालकर खर्च करते हैं।
- गांव में साइबर केटली नाम से कॉफी हाउस बनाया गया है जहां 25 रुपये की चाय मिलती है। इसकी एंट्री फीस भी 5 रुपये है।
- आसपास के 8 किमी के इलाके में यहां का एटीएम इकलौता है लेकिन फिर भी जहां शहरों में कतारें कम नहीं हो रही हैं वहीं यहां कोई भीड़ नहीं है क्योंकि यहां के ज्यादातर ट्रांजेक्शन कैशलेस होते हैं।
- इस गांव में वाईफाई, प्राइमरी स्कूलों में एलईडी से पढ़ाई, स्मार्ट एजुकेशन, ई-हेल्थ सेंटर से इलाज, खरीद-बिक्री के लिए मनी ट्रांसफर आदि की सुविधाए है।
- दुकानों में मिलने वाले सामान की दर रोजाना डिसप्ले पर प्रदर्शित करने की व्यवस्था भी है। किराने की दुकान पर लेन-देन का मेसेज मोबाइल पर मिलता है।
- यहां 5 रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन लोग मोबाइल या फिर कार्ड से करते हैं।
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