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Hindi News भारत राष्ट्रीय पहले जिला अधिकारी से लिखित में ली परिवार की गारंटी, फिर लगवाई वैक्सीन

पहले जिला अधिकारी से लिखित में ली परिवार की गारंटी, फिर लगवाई वैक्सीन

हुब्बली-धारवाड़ जिले के जिला अधिकारी ने उस आनंद नाम के व्यक्ति को लिखित में गारंटी देते हुए कहा कि अगर वैक्सीन लगवाने के बाद उस व्यक्ति को कुछ हो जाता है तो उसके पूरे परिवार की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

<p>आनंद को जिला अधिकारी...- India TV Hindi Image Source : INDIA TV आनंद को जिला अधिकारी से लिखित में मिली परिवार की गारंटी

Highlights

  • जिला अधिकारी से लिखित गारंटी के बाद ही लगवाया वैक्सीन का टीका
  • कर्नाटक के हुब्बली-धारबाड़ की घटना
  • 'व्यक्ति को वैक्सीन देने के बाद कुछ होता है तो जिला प्रशासन करेगा परिवार की देखभाल'

हुब्बली। देश में 122 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं लेकिन अभी भी कई लोगों में वैक्सीन को लेकर डर बैठा हुआ है। कर्नाटक से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति ने तब जाकर वैक्सीन का टीका लगवाया जब जिला अधिकारी ने उसको लिखित में गांरटी दी। कर्नाटक के हुब्बली-धारवाड़ जिले में आनंद नाम का व्यक्ति वैक्सीन इसलिए नहीं लगवा रहा था कि अगर वैक्सीन लगवाने के बाद उसे कुछ हो जाता है तो उसके परिवार की देखभाल कौन करेगा। जिला अधिकारी ने जब उसको लिखित में गारंटी दी, तब जाकर वह वैक्सीन लगवाने के लिए राजी हुआ। 

हुब्बली-धारवाड़ जिले के जिला अधिकारी ने उस आनंद नाम के व्यक्ति को लिखित में गारंटी देते हुए कहा कि अगर वैक्सीन लगवाने के बाद उस व्यक्ति को कुछ हो जाता है तो उसके पूरे परिवार की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। लिखित गारंटी मिलने के बाद ही वह व्यक्ति वैक्सीन लेने के लिए तैयार हुआ। 

दरअसल हुब्बली-धारवाड़ जिले में वैक्सीन के टीकाकरण को गति देने के लिए स्थानीय जिला प्रशासन ने अलग अलग समाज के मुखियाओं और धर्म संतों की एक बैठक बुलाई थी ताकि वे समाज के बीच जाकर लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता फैलाएं।  महानगर पालिका में ये बैठक चल ही रही थी तभी आनंद नाम एक एक व्यक्ति वहां पहुंचा। बैठक में पहुंचने पर उसने प्रशासन को बताया कि वह पूरे परिवार का टीकाकरण करवा चुका है, लेकिन खुद का टीकाकरण करवाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा क्योंकि उसको अगर कुछ हो गया तो परिवार की देखभाल कौन करेगा। 

आनंद ने जब जिला प्रशासन के सामने अपनी बात रखी तो पहले नगर पालिका के अधिकारियों ने उसको समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं माना तो जिला अधिकारी नितेश पाटिल ने कहा कि वे आनंद को लिखित में गारंटी देंगे और अगर वैक्सीन लेने से उसको कुछ हुआ तो परिवार कि जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। जिला अधिकारी ने उसको गारंटी का लेटर सौंपा और खुद अपने हस्ताक्षर उस लेटर पर किए। जिला अधिकारी से गारंटी मिलने के बाद आनंद वैक्सीन के लिए राजी हुआ और वहीं पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसको टीका लगा भी दिया।  

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