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9 दिन बिना अन्न ‘दुर्गा’ की उपासना, PM मोदी-CM योगी ऐसे करते हैं 'शक्ति' पूजा...

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों सत्ता के सिंहासन पर बैठे हैं। दोनों एक ही पार्टी से हैं लेकिन इसके अलावा दोनों के बीच एक और

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों सत्ता के सिंहासन पर बैठे हैं। दोनों एक ही पार्टी से हैं लेकिन इसके अलावा दोनों के बीच एक और समानता है वो ये है कि दोनों शक्ति की पूजा करते हैं। दोनों नवरात्रि में 9 दिन तक उपवास रखकर मां दुर्गा की उपासना करते हैं।

सियासत के साथ 'शक्ति' की साधना

यूपी के मुख्यमंत्री का ताल्लुक गोरखनाथ मठ से है लिहाजा पूजा-पाठ उनकी जिंदगी का हिस्सा रहा है लेकिन नवरात्र के दौरान योगी आदित्यनाथ 9 दिनों तक अन्न त्यागकर देवी की कठिन उपासना करते हैं। शारदीय नवरात्र में तो योगी 9 दिनों तक किसी से मुलाकात तक नहीं करते बस एक कमरे में रहते हैं और आराधना करते हैं। सत्ता के सिंहासत तक पहुंच चुके महंत योगी के इस रूप से तो गोरखपुर ही नहीं उत्तर प्रदेश के ज्यादातर लोग वाकिफ हैं लेकिन आदित्यनाथ योगी का एक और रूप है जो सिर्फ साल में दो बार यानी नवरात्रि के दौरान ही नजर आता है। नवरात्रि में बदल जाता है योगी के जिंदगी जीने का तरीका।

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योगी नवरात्रि में क्या करते हैं?

1 दिन बाद नवरात्र शुरु हो रहे हैं और ये बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि योगी नवरात्रि में क्या करते हैं, कैसे करते हैं शक्ति की पूजा, क्या खाते हैं, क्या पीते हैं और कैसे निभाते हैं अपनी जिम्मेदारियां। गोरखनाथ पीठ के आश्रम में रहने वाले लोग खुद बताते हैं कि योगी नवरात्रि में कितनी कठिन तप करते हैं। नवरात्रि शुरु होते ही आदित्यनाथ अन्न का त्याग कर देते हैं। वो सिर्फ फलाहार करते हैं और बाकी वक्त में मां दुर्गा का सप्तसती पाठ करते हैं। इस दौरान उनके साथ 21 ब्राह्मण भी लगातार मंत्रोचार करते हैं। चैत्र नवरात्र से भी कठिन व्रत योगी शारदीय नवरात्र में करते हैं। लोग बताते हैं कि उस दौरान तो आदित्यनाथ एकांतवास में चले जाते हैं और अगले 9 दिनों तक वो अपने कमरे से बाहर तक नहीं निकलते हैं।

लोग कहते हैं कि योगी पूरे विधि विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा करते हैं। शारदीय नवरात्रि के दौरान अष्टमी के दिन वो अपने कमरे से बाहर निकलते हैं। उनके सिर पर उस वक्त एक खास टोपी होती है जैसी की उनके गुरु पहना करते थे। योगी के साथ भाला लेकर साधु चलते हैं। अष्टमी के दिन वो 9 कन्याओं के पैर खुद अपने हाथों से धोते हैं। उन्हें भोजन कराते हैं और फिर सभी को दक्षिणा देते हैं।

मां दुर्गा पर विश्वास..9 दिन का उपवास

कन्याओं को भोजन कराने के बाद योगी हवन करते हैं और फिर निकल पड़ते हैं गोरखनाथ मंदिर में दर्शन के लिए। 9 दिन के व्रत और पूजा पाठ के बाद नई आध्यात्मिक शक्ति से भरपूर होकर दब आदित्यनाथ योगी बाहर निकलते हैं तो फिर से लोगों के बीच पहुंच जाते हैं उनकी परेशानियां सुनते हैं। लोगों की मुश्किलें कम करने की कोशिश में जुट जाते हैं।

वो गौशाला भी जाते हैं और गायों की सेवा भी करते हैं। 2 दिन बाद नवरात्र शुरु हो रहे हैं लेकिन सवाल ये है कि क्या इस बार बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए आदित्यनाथ योगी उस तरह की शक्ति पूजा कर पाएंगे जैसी वो करते आ रहे हैं क्योंकि अब उनके ऊपर पूरे प्रदेश की जिम्मेदारी आ चुकी है। वैसे उन्हें जानने वाले मानते हैं कि योगी बिना साधना के नहीं रह सकते हैं लेकिन मुमकिन है कि अब उन्हें पूजा पाठ के लिए उतना वक्त नहीं मिल पाए जितना गोरखपुर में रहते हुए मिल जाता था लेकिन ये भी सच है कि योगी शक्ति की उपासना नहीं छोड़ सकते।

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