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Hindi News भारत राष्ट्रीय मध्यप्रदेश में 22 विधायक छोड़ देंगे तो गिर जाएगी कमलनाथ सरकार, 'आप की अदालत' में बोले राजनाथ सिंह

मध्यप्रदेश में 22 विधायक छोड़ देंगे तो गिर जाएगी कमलनाथ सरकार, 'आप की अदालत' में बोले राजनाथ सिंह

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि मध्य प्रदेश में अगर 22 विधायक कांग्रेस पार्टी छोड़ते हैं तो निश्चित तौर पर वहां मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर जाएगी। राजनाथ सिंह ने इंडिया टीवी के कार्यक्रम 'आप की अदालत' में इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों के जबाव में यह बयान दिया।

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि मध्य प्रदेश में अगर 22 विधायक कांग्रेस पार्टी छोड़ते हैं तो निश्चित तौर पर वहां मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर जाएगी। राजनाथ सिंह ने इंडिया टीवी के कार्यक्रम 'आप की अदालत' में इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों के जबाव में यह बयान दिया। राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के अंदर बिखराव के लिए पार्टी के नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया। 

राजनाथ सिंह ने 'आप की अदालत' में कहा, ''अगर 22 विधायक छोड़ देंगे तो सरकार तो गिर जाएगी कमलनाथ जी की। इसमें हमारी भाजपा या भाजपा के किसी नेता की कोई भूमिका नहीं है। हम कभी जनादेश का कभी उलंघन नहीं करते उसका पूरा सम्मान करते हैं। मध्य प्रदेश में भले ही कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिली हैं लेकिन वोट भाजपा को ज्यादा मिले हैं यानि जनता का अधिक समर्थन हमें मिला है।''

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ''मध्य प्रदेश में जो कुछ भी बिखराव कांग्रेस के अंदर आया है उसके लिए भाजपा को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। कांग्रेस के नेतृत्व को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। अपनी झेप मिटाने के लिए वे भाजपा पर आरोप लगाने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस को पहले ये विचार करना चाहिए कि विधायकों को अलग-अलग रखने की नौबत क्यों आई। उनके नेतृत्व के प्रति उनके ही विधायकों का अविश्वास है जिस वजह से अलग-अलग रखने की नौबत आई। भाजपा के नेता उनको बेंगलोर लेकर नहीं गए हैं वे खुद गए हैं और उनके ही नेता लेकर गए हैं। शायद वे कांग्रेस के साथ नहीं रहना चाहते और शायद इसलिए उन्होंने बेंगलोर जाने का फैसला किया।''

रक्षा मंत्री ने उन आरोपों का भी खंडन किया जिनमें कहा जाता है कि सरकार विपक्षी दलों की आवाज को दबाने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा, ''किसी विपक्षी दल की आवाज दबाने का प्रश्न ही नहीं खड़ा होता, स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति हम लोगों की पूरी प्रतिबद्धता है। एक भी नजीर ऐसी नहीं मिलेगी जिसमें नजीर के आधार पर कह सकें कि कभी भी हमारी सरकार ने विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की।''

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