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Hindi News भारत राष्ट्रीय सियाचिन का शूरवीर ‘हनुमनथप्पा’ शहीद, जानिए 13 साल तक देश सेवा का उनका चुनौतीभरा सफर

सियाचिन का शूरवीर ‘हनुमनथप्पा’ शहीद, जानिए 13 साल तक देश सेवा का उनका चुनौतीभरा सफर

नई दिल्ली: नौ दिन तक मौत से लड़ने के बाद सियाचिन के शूरवीर लांस नायक हनुमनथप्पा ने आज आखिरी सांस ली। दिल्ली के आर आर अस्पताल में हनुमनथप्पा की निधन हो गया। आज शाम 5

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नई दिल्ली: नौ दिन तक मौत से लड़ने के बाद सियाचिन के शूरवीर लांस नायक हनुमनथप्पा ने आज आखिरी सांस ली। दिल्ली के आर आर अस्पताल में हनुमनथप्पा की निधन हो गया। आज शाम 5 बजे दिल्ली कैंट के बराड़ स्क्वेयर में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, सेनाध्यक्ष दलबीर सुहाग और राहुल गांधी समेत तमाम हस्तियों ने लांस नायक हनुमनथप्पा को श्रद्धांजलि दी। शुक्रवार को कर्नाटक के धारवाड में अंतिम संस्कार होगा।

35 फीट गहरी बर्फ से 6 दिन बाद जब हनुमनथप्पा जीवित निकले तो वो एक चमत्कार बन गए। अफसोस ये चमत्कार एक कहानी तो दे गया लेकिन उसे भरपूर कोशिशों के बाद भी बचाया नहीं जा सका। सियाचिन के बहादुर सिपाही लांस नायक हनुमनथप्पा आज पूरे देश की उम्मीदों को तोड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए। तीन दिन की दिन रात कोशिशों के बाद भी डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। 33 साल क लांस नायक हनुमनथप्पा ने आज सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर दिल्ली के आर आर अस्पताल में आखिरी सांस ली।

PM मोदी, राहुल गांधी समेत कई दिग्गजों ने जांबाज को किया सलाम

पीएम मोदी, राहुल गांधी और सेना प्रमुख समेत कई दिग्गजों ने जांबाज जवान को सलाम किया। लांस नायक हनुमनथप्पा के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताया है। पीएम ने ट्वीट कर लिखा, ‘वो हमें दुखी छोड़कर चले गए। हनुमंथप्पा की आत्मा को शांति मिले। आप में जो सैनिक था वो अमर है। आप जैसे शहीदों पर नाज़ है जिसने देश की सेवा की।’

राहुल गांधी ने भी हनुमनथप्पा के निधन पर दुख जताते हुए लिखा, ‘हनुमनथप्पा ने अपने जीवन में दुनिया को दिखाया कि दृढ़ता और साहस का क्या मतलब है। उनकी असाधारण भावना और दृढ़ता अंत तक सबके लिए एक प्रेरणा है। मेरे विचार और प्रार्थना शोकाकुल परिवार के साथ हैं।’ सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने लिखा,  लांस नायक हनुमथप्पा जैसे सैनिक आने वाले पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।

family hanumanthappa

कौन थे हनुमनथप्पा ?

33 साल के लांसनायक हनुमंथप्पा कर्नाटक में धारवाड़ जिले के रहने वाले थे। कर्नाटक के धारवाड़ ज़िले के बेटादुर गांव के रहने वाले हनुमनथप्पा के परिवार में उऩकी पत्नी माधवी, और दो साल की बेटी है। हनुमनथप्पा के माता पिता तीन दिन से दिल्ली में ही हैं। धारवाड़ में लांस नायक के गांव में मातम पसरा हुआ है।

हनुमंथप्पा का बचपन बेहद गरीबी में बीता। गरीबी के कारण 6 किमी. दूर स्कूल पैदल जाते थे। हनुमंथप्पा की कमाई से ही घर का खर्च चलता था।

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