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Hindi News भारत राष्ट्रीय सियाचिन का शूरवीर ‘हनुमनथप्पा’ शहीद, जानिए 13 साल तक देश सेवा का उनका चुनौतीभरा सफर

सियाचिन का शूरवीर ‘हनुमनथप्पा’ शहीद, जानिए 13 साल तक देश सेवा का उनका चुनौतीभरा सफर

नई दिल्ली: नौ दिन तक मौत से लड़ने के बाद सियाचिन के शूरवीर लांस नायक हनुमनथप्पा ने आज आखिरी सांस ली। दिल्ली के आर आर अस्पताल में हनुमनथप्पा की निधन हो गया। आज शाम 5

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लांस नायक हनुमनथप्पा का जज्बा बना देश के लिए मिसाल

कर्नाटक के धारवाड़ ज़िले के बेटादुर गांव के रहने वाले हनुमंथप्पा के व्यक्तित्व में चुनौतियों से लड़ना शामिल था। हनुमंथप्पा 25 अक्टूबर 2002 को मद्रास रेजिमेंट की 19वीं बटालियन में शामिल हुए थे। 2003 से 2006 तक वो जम्मू-कश्मीर के माहोर में तैनात रहे। इस दौरान उन्होंने आतंकियों के खिलाफ लोहा लिया। 2008 से 2010 तक फिर वो जम्मू-कश्मीर में आए। इस बार वो 54 राष्ट्रीय राइफल्स मद्रास के साथ थे। 2010 से 2012 के बीच उनकी तैनाती पूर्वोत्तर में हुई, जहां उन्होंने एनडीएफबी और उल्फा से लोहा लिया। अगस्त 2015 में उनकी पोस्टिंग सियाचिन में हुई। दिसंबर 2015 उन्होंने खुद 19600 फीट की ऊंचाई पर मौजूद चौकी पर तैनाती ली थी।

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